भारत ने तुर्की की कंपनी ‘सेलेबी’ का लाइसेंस रद्द किया, पाकिस्तान से यारी अब तुर्की पर पड़ी भारी

नई दिल्ली:
भारत ने तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सेलेबी एनएएस एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया लिमिटेड का सुरक्षा लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और देशहित को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। खुद नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने इसकी पुष्टि की है। यह वही तुर्की है, जिसने हाल ही में पाकिस्तान के साथ हमदर्दी जताते हुए पहलगाम आतंकी हमले पर संदिग्ध रवैया अपनाया था।
अब भारत ने तुर्की को उसकी “गैरज़िम्मेदाराना दोस्ती” की कीमत दिखानी शुरू कर दी है। एयरपोर्ट पर ग्राउंड ऑपरेशन करने वाली सेलेबी कंपनी का बोरिया-बिस्तर भारत से समेट दिया गया है।
10 हज़ार कर्मचारियों पर सीधा असर
सेलेबी कंपनी के दुनियाभर में लगभग 16,000 कर्मचारी हैं, जिनमें से 10,000 कर्मचारी भारत में कार्यरत थे। अब लाइसेंस रद्द होने के बाद इन कर्मचारियों के भविष्य पर सवाल उठ गया है। यह निर्णय BCAS (Bureau of Civil Aviation Security) के संयुक्त निदेशक सुनील यादव के हस्ताक्षरित आदेश के तहत लागू हुआ है।
जनता और संस्थानों से भी बहिष्कार शुरू
सेलेबी के खिलाफ यह कदम केवल सरकारी नहीं है, जनता और कई संस्थाएं भी तुर्की के खिलाफ एकजुट हो चुकी हैं:
तुर्की-अज़रबैजान की फ्लाइट्स और होटलों की बुकिंग में 60% गिरावट, कैंसिलेशन में 250% की बढ़ोतरी
हिमाचल सहित कई राज्यों में तुर्की से आने वाले सेब का बहिष्कार, 821 करोड़ रुपये सालाना का व्यापार प्रभावित
उदयपुर में तुर्की से आयातित मार्बल का विरोध, भारत 70% मार्बल तुर्की से आयात करता है
JNU, जामिया, दिल्ली व कानपुर विश्वविद्यालयों ने तुर्की यूनिवर्सिटी के साथ अपने MOU रद्द किए
सरकार ने क्यों लिया ये कड़ा फैसला?
सरकार का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है। किसी भी ऐसी विदेशी संस्था को भारत में काम करने की अनुमति नहीं दी जा सकती, जिसकी पृष्ठभूमि या संबद्धता संदिग्ध हो या जो भारत विरोधी देशों से मेलजोल रखती हो। यह फैसला सिर्फ सेलेबी पर नहीं, बल्कि भारत की सुरक्षा नीति के स्पष्ट संकेत हैं कि अब किसी भी ‘गैर-भरोसेमंद’ देश या संस्था को भारत में खुली छूट नहीं दी जाएगी।