सुबह-सुबह बुलडोजर लेकर पहुंचे, ढहा दिए मंदिर और मजार, चंद सेकंड में कर दिया सबकुछ साफ

मुरादाबाद: मुरादाबाद-काशीपुर हाईवे के फोरलेन निर्माण को लेकर नेशनल हाइवे ऑथोरिटी (NHAI) ने ठाकुरद्वारा इलाके में धार्मिक स्थलों पर बड़ी कार्रवाई की. भारी पुलिस बल की मौजूदगी में मजारों और मंदिरों पर बुलडोजर चलाए गए. इस कार्रवाई से प्रशासन ने धार्मिक स्थलों को तोड़कर हाईवे निर्माण के लिए रास्ता साफ किया. इस कार्रवाई को लेकर क्षेत्र में हलचल मच गई है.
मुरादाबाद से काशीपुर और गंगापुर होते हुए हरिद्वार के लिए सिक्स लेन हाईवे का निर्माण किया जा रहा है. इसके लिए NHAI ने मुरादाबाद-काशीपुर मार्ग के फोरलेन निर्माण की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन सड़क के बीच में आने वाली मजारों और मंदिरों के कारण निर्माण का काम रुक गया था. ये धार्मिक स्थल सड़क की जद में आ गए थे और इनकी वजह से निर्माण में परेशानी हो रही थी. प्रशासन ने काफी समय से इस समस्या का समाधान करने के लिए योजना बनाई थी, लेकिन अब जाकर इस समस्या का हल निकाला गया है.
*ध्वस्तीकरण की कार्रवाई*
ठाकुरद्वारा एसडीएम और सीओ की अगुवाई में भारी पुलिस बल के साथ दो जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल करते हुए करीब आधा दर्जन मजारों और मंदिरों को तोड़ा गया. प्रशासन ने यह कार्रवाई NHAI के आदेश पर की. इस दौरान मजारों और मंदिरों के आसपास की दीवारों को भी हटा दिया गया ताकि हाईवे के निर्माण के लिए रास्ता खुल सके.
जलालपुर चौकी का ध्वस्तीकरण भी हो सकता है
NHAI के इस हाईवे निर्माण में कोतवाली ठाकुरद्वारा की जलालपुर चौकी भी आ रही है. प्रशासन की योजना के अनुसार, आने वाले दिनों में जलालपुर चौकी का भी ध्वस्तीकरण किया जा सकता है ताकि हाईवे निर्माण में कोई और रुकावट न आए.
*सड़क का निर्माण, सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट*
मुरादाबाद से ठाकुरद्वारा और काशीपुर होते हुए हरिद्वार के लिए सिक्स लेन हाईवे का निर्माण प्रदेश सरकार का एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है. इसके बनने से यात्रा में समय की बचत होगी और क्षेत्र का विकास होगा. खासकर हरिद्वार जाने वाले यात्रियों के लिए यह हाईवे बहुत फायदेमंद साबित होगा. हालांकि, इस निर्माण कार्य के दौरान कुछ समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, जिनमें धार्मिक स्थलों का जद में आना मुख्य मुद्दा था.
*स्थानीय निवासियों की चिंता*
हालांकि इस कार्रवाई के बाद कुछ स्थानीय निवासियों ने विरोध भी जताया है. उनका कहना है कि धार्मिक स्थलों को तोड़ने से उनकी आस्थाओं को ठेस पहुंची है. कुछ ने प्रशासन से आग्रह किया है कि ऐसे निर्णयों में ध्यान रखा जाए ताकि लोगों की धार्मिक भावनाओं को आघात न पहुंचे. वहीं, प्रशासन ने यह भी कहा है कि निर्माण कार्य जनता के भले के लिए किया जा रहा है और इसे लेकर किसी भी प्रकार का अवरोध नहीं होना चाहिए.