गुजरात: स्वास्थ्य योजना के तहत निजी अस्पताल की गलत एंजियोप्लास्टी से 112 से अधिक मरीजों की मौत, पुलिस जांच का दावा
पिछले महीने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के दो लाभार्थियों की एंजियोप्लास्टी में गड़बड़ी के कारण हुई मौत के मामले में अहमदाबाद अपराध शाखा द्वारा की गई जांच में ऐसी सौ से अधिक मौतों और शहर स्थित ख्याति मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल द्वारा लेखा धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है !
एंजियोप्लास्टी एक ऐसी प्रक्रिया है जो हृदय में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाने के लिए अवरुद्ध या संकुचित कोरोनरी धमनियों को चौड़ा करती है
यह खुलासा अहमदाबाद क्राइम ब्रांच द्वारा बैरिएट्रिक सर्जन और अस्पताल के निदेशकों में से एक डॉ. संजय पटोलिया को गिरफ्तार किए जाने के कुछ दिनों बाद हुआ है। पुलिस ने कहा कि इन मौतों की जांच के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी।
सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) भरत पटेल ने कहा कि निजी अस्पताल में पीएमजेएवाई के तहत लगभग 8,500 मरीजों ने इलाज कराया या विभिन्न सर्जरी कराई।
अधिकारी ने बताया, “इनमें से 3,842 लोगों को पीएमजेएवाई जैसी सरकारी योजनाओं के तहत मुफ्त इलाज मिला। हमारी जांच से पता चला है कि इन 3,842 लाभार्थियों में से 112 ने इन तीन सालों में इलाज के दौरान या बाद में अपनी जान गंवा दी।”
पुलिस ने यह भी कहा कि एंजियोप्लास्टी मौत मामले के आरोपियों सहित अस्पताल प्रबंधन ने कथित तौर पर इन मामलों से प्राप्त राजस्व को अपने खातों में विभिन्न उप-शीर्षों के तहत विभाजित किया, ताकि अपनी नवीनतम वित्तीय रिपोर्ट में 1.5 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया जा सके !
इस मामले में सीईओ राहुल जैन और निदेशक (मार्केटिंग) चिराग राजपूत समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दो अन्य आरोपी – अस्पताल के चेयरमैन कार्तिक पटेल (जो विदेश में हैं) और निदेशक राजश्री कोठारी – अभी भी फरार हैं।
पुलिस जांच में पता चला कि अस्पताल ने गांवों में जाकर जांच शिविर आयोजित किए और पीएमजेएवाई कार्डधारकों को एंजियोप्लास्टी कराने के लिए राजी किया, जबकि इस प्रक्रिया के लिए कोई चिकित्सीय आवश्यकता नहीं थी।