फाइनल की जंग: पंजाब और मुंबई के बीच फाइनल की जंग, चहल और रोहित पर रहेंगी निगाहें

नई दिल्लीः
आईपीएल 2025 अपने अंतिम पड़ाव पर है और अब सबकी निगाहें क्वालिफायर-2 मुकाबले पर टिकी हैं, जहां पंजाब किंग्स और मुंबई इंडियंस के बीच फाइनल में जगह बनाने की कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी। एक ओर, आरसीबी से करारी हार झेल चुकी पंजाब की टीम वापसी की उम्मीदों के साथ मैदान में उतरेगी, वहीं दूसरी ओर गुजरात टाइटंस को एलिमिनेटर में हराकर मुंबई की टीम पूरे आत्मविश्वास के साथ नजर आएगी।
पंजाब के लिए संकट का समय, लेकिन उम्मीद बाकी
पंजाब किंग्स को भले ही आरसीबी से करारी हार मिली हो, लेकिन टॉप पर रहने के चलते उन्हें फाइनल में पहुंचने का दूसरा मौका मिला है। अब यह मुकाबला सेमीफाइनल जैसा है, और श्रेयस अय्यर की अगुआई वाली टीम को मैदान पर अपने प्रदर्शन में पूरी जान झोंकनी होगी।
पंजाब की सबसे बड़ी चिंता उसकी गेंदबाजी यूनिट है। मार्को यानसेन की अनुपस्थिति और युजवेंद्र चहल की फिटनेस पर सवाल टीम की रणनीति को प्रभावित कर सकते हैं। अगर चहल फिट रहते हैं, तो उनका मैदान पर उतरना तय है। वहीं, अर्शदीप सिंह ने पूरे टूर्नामेंट में 18 विकेट लिए हैं और वह इस मैच में एक बार फिर पंजाब के सबसे बड़े हथियार बन सकते हैं।
हरप्रीत बरार (10 विकेट, औसत 19) और लॉकी फर्ग्यूसन (5 विकेट, स्ट्राइक रेट 13.6) ने भी अहम मौकों पर अच्छा प्रदर्शन किया है।
हालांकि, ग्लेन मैक्सवेल, आजमतुल्लाह उमरजई, स्टोइनिस और जावीयर बार्टलेट जैसे गेंदबाजों का प्रदर्शन अस्थिर रहा है, जिससे गेंदबाजी विभाग की गहराई पर सवाल उठे हैं।
बल्लेबाजी में पंजाब को सुधार की सख्त जरूरत है। आरसीबी के खिलाफ पूरी टीम केवल 101 रन पर सिमट गई थी। कप्तान अय्यर और कोच रिकी पोंटिंग के लिए यह जरूरी होगा कि वे खिलाड़ियों का मनोबल फिर से ऊंचा करें और टीम को मानसिक रूप से तैयार करें।
मुंबई इंडियंस – अनुभव, आत्मविश्वास और संतुलन का संगम
मुंबई इंडियंस ने एलिमिनेटर में गुजरात को हराकर यह साबित कर दिया कि वह अब भी बड़े मैचों की टीम है। और इसका सबसे बड़ा कारण है उनका संतुलित और अनुभवी गेंदबाजी आक्रमण।
ट्रेंट बोल्ट ने 15 मैचों में 21 विकेट लेकर फ्रंटलाइन अटैक को लीड किया है, जबकि जसप्रीत बुमराह ने मात्र 6.37 की इकॉनमी से 18 विकेट लेकर विपक्षी बल्लेबाजों की कमर तोड़ दी।
अश्वनी कुमार जैसे युवा गेंदबाज ने भी 6 मैचों में 9 विकेट लेकर खुद को साबित किया है, हालांकि उनकी इकॉनमी थोड़ी अधिक (10.73) रही है।
हार्दिक पंड्या और दीपक चाहर ने उपयोगी ओवर फेंके और महत्वपूर्ण विकेट चटकाए, जबकि मिचेल सैंटनर ने 7.95 की किफायती गेंदबाजी से 10 विकेट लिए।
इसके अलावा, कर्ण शर्मा, विल जैक्स, विग्नेश पुथुर, और कोर्बिन बॉश जैसे नामों ने भी योगदान दिया है, जिससे मुंबई की बेंच स्ट्रेंथ को मजबूती मिली है।
नमन धीर ने सीमित मौकों में शानदार इकॉनमी (5.25) से ध्यान खींचा है।
रोहित की वापसी, मुंबई के लिए संजीवनी
मुंबई के लिए सबसे बड़ी राहत की बात रही रोहित शर्मा का फॉर्म में लौटना। गुजरात के खिलाफ मिली दो जीवनदानों का उन्होंने भरपूर फायदा उठाया और शानदार पारी खेली। अब जब फाइनल की दहलीज पर खड़ी मुंबई की टीम है, तो रोहित, सूर्यकुमार यादव, तिलक वर्मा, और हार्दिक पंड्या जैसे अनुभवी खिलाड़ियों पर जिम्मेदारी और बढ़ गई है।
यह मुकाबला न सिर्फ दो टीमों के बीच है, बल्कि दो दृष्टिकोणों के बीच है – मुंबई की ठोस योजना बनाम पंजाब की प्रेरित वापसी की कोशिश। कौन जीतेगा? इसका फैसला चंद घंटों में होगा, लेकिन रोमांच तय है!