बिहार मुजफ्फरपुर स्टेशन पर मंदिर हटाने पर विवाद: संतों और संगठनों ने उठाई विरोध की आवाज

मुजफ्फरपुर – रेलवे प्रशासन द्वारा स्टेशन परिसर से एक प्राचीन मंदिर को हटाए जाने के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है। इस कदम का विरोध करते हुए कई हिंदू संगठनों, स्थानीय नागरिकों और संत समाज ने आंदोलन की चेतावनी दी है।
मंदिर हटाने पर आक्रोश
मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर स्थित यह मंदिर वर्षों से यात्रियों की आस्था का केंद्र था। स्थानीय लोगों का कहना है कि बिना किसी पूर्व सूचना के मंदिर को हटाया गया, जिससे श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई हैं।
हिंदू संगठनों का प्रदर्शन
विश्व हिंदू परिषद (विहिप), बजरंग दल और अन्य संगठनों ने रेलवे प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि धार्मिक स्थलों को हटाने से पहले सामंजस्य बैठाने की जरूरत थी। प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि मंदिर को पुनः स्थापित किया जाए और प्रशासन इस विषय पर चर्चा करे।
संतों की चेतावनी
स्थानीय संतों ने भी इस मुद्दे पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि धार्मिक स्थलों को विकास कार्यों की आड़ में तोड़ा जाना निंदनीय है। उन्होंने सरकार और रेलवे प्रशासन से अपील की है कि आस्था का सम्मान करते हुए उचित कदम उठाया जाए।
प्रशासन का पक्ष
रेलवे प्रशासन का कहना है कि यह कदम अतिक्रमण हटाने की योजना के तहत उठाया गया। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि सभी धार्मिक स्थलों के साथ समान व्यवहार किया जा रहा है और किसी समुदाय के प्रति भेदभाव नहीं किया गया है।
आगे की रणनीति
हिंदू संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही समाधान नहीं निकला, तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। फिलहाल, प्रशासन और संगठनों के बीच बातचीत जारी है।