बिजली चोरी रोकने गई टीम पर हमले बढ़े, सुरक्षा पर उठे सवाल

बिजली चोरी भारत में एक गंभीर समस्या बनी हुई है, लेकिन जब इसे रोकने के लिए अधिकारी कार्रवाई करते हैं, तो उन्हें हिंसा का सामना करना पड़ता है। हाल ही में कई राज्यों में बिजली विभाग की टीमों पर हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
टीमों पर बढ़ते हमले
बिजली विभाग की टीमें जब चोरी रोकने या बकाया वसूली के लिए छापेमारी करने जाती हैं, तो कई बार स्थानीय लोगों द्वारा उन पर हमला कर दिया जाता है। कुछ मामलों में तो अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। यह दर्शाता है कि बिजली चोरी रोकने की प्रक्रिया कितनी जोखिमभरी होती जा रही है।
कारण और चुनौतियां
अवैध कनेक्शन का विरोध: कई इलाकों में बिजली चोरी एक सामान्य प्रथा बन चुकी है, और जब अधिकारी कार्रवाई करते हैं, तो लोग इसका विरोध करते हैं।
स्थानीय प्रभाव और दबाव: कुछ प्रभावशाली लोग बिजली चोरी को बढ़ावा देते हैं और कार्रवाई करने वालों को धमकाते हैं।
सुरक्षा की कमी: बिजली विभाग के कर्मचारियों को पर्याप्त पुलिस सुरक्षा नहीं मिलती, जिससे वे असुरक्षित महसूस करते हैं।
समाधान और आवश्यक कदम
सरकार को इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए बिजली विभाग की टीमों को पर्याप्त सुरक्षा देनी होगी। साथ ही, बिजली चोरी रोकने के लिए कड़े कानून और जनजागरूकता अभियान चलाने की भी जरूरत है।