बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव का क्षेत्र, पूर्वी और पश्चिमी भारत में भारी बारिश की चेतावनी – IMD ने सभी राज्यों को किया सतर्क

नई दिल्ली:
बंगाल की खाड़ी में बनते मौसम तंत्र को देखते हुए भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने देश के कई हिस्सों के लिए भारी बारिश और तूफानी हवाओं की चेतावनी जारी की है। विभाग ने बताया कि उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में ओडिशा तट के पास एक अच्छी तरह से विकसित निम्न दबाव का क्षेत्र बना है, जो धीरे-धीरे उत्तर की ओर बढ़ रहा है। अगले 24 घंटों में इसके और मजबूत होकर अवसाद (Depression) में बदलने की संभावना जताई जा रही है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, यह प्रणाली व्यापक रूप से बारिश, तेज हवाओं और गरज-चमक के साथ तूफान लेकर आ सकती है। इसके चलते संबंधित राज्यों और प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है।
पूर्वोत्तर और उप-हिमालयी क्षेत्रों में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा संभव
IMD ने चेतावनी दी है कि उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और उत्तर-पूर्वी राज्यों में 30 मई तक भारी से अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है। इन क्षेत्रों में भूस्खलन और नदियों में जलस्तर बढ़ने की भी आशंका है।
पश्चिमी तटीय राज्यों में भी जोरदार बारिश
देश के पश्चिमी तट पर भी वर्षा का प्रभाव देखा जा सकता है:
केरल: 28 से 30 मई तक अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है।
कर्नाटक: तटीय और घाट क्षेत्रों में 28-29 मई को मूसलधार बारिश हो सकती है।
तमिलनाडु: खासतौर पर घाटी क्षेत्रों में 29-30 मई को भारी बारिश की संभावना है।
उत्तर-पश्चिम भारत में नया पश्चिमी विक्षोभ
मौसम विभाग ने यह भी बताया कि 29 मई से उत्तर-पश्चिम भारत में एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिससे राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में बारिश, तेज हवाएं और गरज के साथ तूफान आने की संभावना है।
वैज्ञानिकों की नजर
मंगलवार सुबह 5:30 बजे IMD ने जानकारी दी कि बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य हिस्से में मध्य क्षोभमंडल तक फैला चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। इसके प्रभाव से अगले कुछ घंटों में कम दबाव का क्षेत्र और अधिक प्रभावी हो सकता है। सभी नागरिकों और स्थानीय प्रशासन से अपील की गई है कि वे मौसम से संबंधित अद्यतन जानकारी पर नजर रखें, खासकर समुद्र तटीय इलाकों और पर्वतीय क्षेत्रों में रह रहे लोग सतर्क रहें। स्थानीय प्रशासन को राहत और बचाव दलों को तैयार रखने, बिजली और परिवहन सेवाओं की निगरानी, और ज़रूरत पड़ने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।