बिहार में बना रेल इंजन जल्द करेगा वैश्विक बाजार में प्रवेश, निर्यात की तैयारियां जोरों पर

पटना: भारत के आत्मनिर्भर अभियान को मजबूती देते हुए बिहार में निर्मित रेल इंजन अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अपनी पहचान बनाएगा। देश में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के साथ अब ‘मेड इन इंडिया’ इंजन का निर्यात भी शुरू होने वाला है।
बिहार का रेल इंजन: वैश्विक मानकों पर खरा
बिहार के मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव फैक्ट्री में निर्मित यह इंजन अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है। यह लोकोमोटिव भारतीय रेलवे के साथ-साथ विदेशी रेलवे नेटवर्क की जरूरतों को भी पूरा करेगा। उच्च क्षमता, ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण अनुकूल विशेषताओं के चलते इस इंजन की मांग वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ रही है।
निर्यात के लिए अंतिम चरण में तैयारी
रेलवे मंत्रालय और सरकार इस परियोजना को विशेष प्राथमिकता दे रही है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में इस परियोजना की प्रगति की समीक्षा की और जल्द ही निर्यात प्रक्रिया शुरू करने की बात कही। फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश जैसे देशों से बिहार में बने रेल इंजनों की मांग आ रही है।
भारत की तकनीकी शक्ति का प्रतीक
बिहार का यह प्रोजेक्ट न केवल भारत की औद्योगिक क्षमता को दर्शाता है, बल्कि यह राज्य को एक नए औद्योगिक केंद्र के रूप में भी स्थापित कर रहा है। इस पहल से स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा और भारत वैश्विक रेलवे बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बनकर उभरेगा।