उत्‍तर प्रदेश

कुंभ मेले में भगदड़ से गोंडा के श्रद्धालु की मौत, परिवार में मचा कोहराम

परिजनों ने प्रशासन से की शव लौटाने की अपील।

सैंतालीस वर्षीय ननकन पत्नी के साथ करने गये थे स्नान

गोण्डा। प्रयागराज के महाकुंभ में मौनी अमावस्या से पहले हुई भगदड़ में गोंडा के एक गाँव निवासी सैंतालीस वर्षीय श्रद्धालु ननकन पुत्र गोली की दर्दनाक मौत हो गई। मृतक श्रद्धालु अपनी पत्नी रिश्तेदारों और अपने परिजनों के साथ महाकुंभ‌ स्नान के लिए गए हुए थे। जहां अफवाह के चलते लोग भागने लगे और इसी दौरान 47 वर्षीय ननकन की मौत हो गई। मिली जानकारी के मुताबिक मृतक ननकन देहात कोतवाली रुपईडीह गांव का रहने वाला बताया जाता है,वह अपनी 35 वर्षीय पत्नी रामादेवी के साथ महाकुंभ स्नान करने के लिए गए हुए थे। महाकुंभ में मौत होने की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम बचा हुआ है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।

अफवाह के चलते मची भगदड़, संभलने का नहीं मिला मौका

रुपईडीह गांव निवासी ननकन अफवाह के कारण अचानक फैली भगदड़ में फंस गए। चश्मदीदों के मुताबिक,भारी भीड़ के चलते सड़कों पर जाम लग गया और इसी दौरान धक्का-मुक्की के बीच ननकन गिर पड़े। वहां मौजूद प्रशासन की लापरवाही से हालात और बिगड़ गए।

परिवार में मचा कोहराम, प्रशासन से शव की मांग

मृतक ननकन अपने पीछे पत्नी व तीन बेटों को छोड़ गए हैं। बड़े बेटे का नाम राहुल है व छोटे बेटे का नाम अजय है और सबसे छोटे बेटे का नाम विजय है। बड़े वाले बेटे राहुल की शादी भी हो चुकी है। हादसे की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों ने प्रयागराज प्रशासन से जल्द से जल्द शव सौंपने की मांग की है।

चश्मदीद बोले- प्रशासन दिखा नदारद, बीस- पचीस लोगों की मौत की आशंका

मृतक के साथ स्नान करने गए श्रद्धालु जोखू ने बताया कि “मैं संगम जा रहा था,लेकिन भीड़ देखकर वापस लौटने लगा। तभी रोड पर जाम लग गया और प्रशासन का कोई अता-पता नहीं था। देखते ही देखते भगदड़ मच गई और करीब 60-70 लोग गिर पड़े, मुझे लगता है कि इस हादसे में कम से कम 20- 25 लोगों की वहीं मौत हो गई होगी।

गांव में शोक, स्थानीय समाजसेवियों ने दिया मदद का भरोसा

मामले की सूचना मिलते ही ग्राम प्रधान और स्थानीय समाजसेवी पंकज यादव ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को ऐसे आयोजनों में भीड़ नियंत्रण के लिए बेहतर इंतजाम करने चाहिए,ताकि श्रद्धालुओं की जान ना जाए।

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