मौत का सफर:नींद खुली तो सड़क पर बिखरे थे…!
हादसे के समय पर जब एक्सप्रेसवे पर घटना हुई, तब अधिकांश यात्री नींद में थे। बस में सफर कर रहे यात्रियों में बिहार के सद्दाम, बोटू, मो. शमीम, रामीम, फूल मोहम्मद और संतोष ने बताया कि जिस समय घटना हुई वह सभी गहरी नींद में थे। उनके अनुसार, लखनऊ में बस रोककर चालक ने चाय भी पी थी। उसके बाद, जब बस चली, तो चालक ने गाड़ी की रफ्तार बढ़ा दी थी। हम लोगों ने थोड़ा धीरे चलने के लिए भी कहा, लेकिन बाद में नींद आ गई। थोड़ी देर बाद अचानक तेज आवाज सुनाई दी। नींद खुली तो पाया कि बस के परखच्चे उड़ गए थे।हम सभी भयानक दृश्य को देखकर चौंक गए कि यात्रियों के शव सड़क पर और बस के नीचे फैले हुए थे।
हादसे के करीब 25 मिनट बाद गश्ती टीम पहुंची और उसकी सूचना पर करीब पांच मिनट बाद पहली रेस्क्यू टीम एंबुलेंस के साथ पहुंची, लेकिन घायलों की संख्या अधिक होने और कई के बस में फंसे होने से निकालने में समय लगा। घटनास्थल तक पहुंचने का सीधा रास्ता न होने से हरदोई-उन्नाव मार्ग के टोल प्लाजा से 12 किमी चक्कर लगाकर एंबुलेंस पहुंचीं। इससे 45 मिनट का वक्त लगा।
एक्सप्रेसवे पर बेहटामुजावर के जोगीकोट गांव के सामने बिहार प्रांत के शिवहर से 70 सवारियां लेकर दिल्ली जा रही स्लीपर बस के चालक ने आगे चल रहे टैंकर को बायीं ओर से ओवरटेक करने की कोशिश की। इस दौरान बस टैंकर से भिड़ गई। गाड़ियों की 70-80 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से हुई टक्कर बहुत भयानक थी कि बस की दाहिनी ओर चालक की सीट से लेकर पीछे तक के हिस्से के परखच्चे उड़ गए।
टैंकर जो प्रयागराज से दिल्ली जा रहा था, उसने टक्कर लगाने से 12 हजार लीटर दूध लेकर बीच सड़क पर पलट गया। इससे बिहार प्रांत के पूर्वी चंपारण मोतीहारी के बिरसा टोला सपही निवासी बस चालक अखलाक (35) और रायबरेली जिला निवासी टैंकर चालक सुनील (30) के अलावा तीन महिलाओं और करीब 10 साल के एक बच्चे सहित 18 लोगों की मौत हो गई।
घायलों को जिला अस्पताल रेफर किया गया
बांगरमऊ सीओ अरविंद चौरसिया के साथ कई थानों की पुलिस ने मौके पर पहुंची। रेस्क्यू टीमों और ग्रामीणों की मदद से सभी को 10 एंबुलेंसों से बांगरमऊ सीएचसी भेजा। इस स्थान पर 18 व्यक्तियों की मौत की घोषणा की गई, जबकि 14 घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कर दिया गया। हादसे की सूचना मिलते ही डीएम ने सीएमओ को निर्देश देकर अस्पताल में अतिरिक्त बेड, डॉक्टर और स्टॉफ की व्यवस्था कराई।
पांच लोगों को लखनऊ ट्रॉमा सेंटर रेफर किया
पांच लोगों की हालत गंभीर होने पर लखनऊ ट्रॉमा सेंटर ने उन्हें कानपुर हेल्थ सेंटर के लिए रेफर किया। तीन का इलाज सीएचसी में चल रहा है। एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना ने बताया कि अभी तक दोनों वाहनों के चालकों सहित 10 मृतकों की पहचान हो पाई है। अन्य व्यक्तियों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है।