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‘देश संविधान से चलेगा न कि राजा के डंडा से…’ सेंगोल को संसद से हटाओ!

सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं, 18वीं लोकसभा के पहले संसदीय सत्र में। NEET पेपर लीक मामले में विपक्ष के नेता सरकार को घेरने में लगे हुए हैं। इस दौरान, 77 साल पुराने सेंगोल के मुद्दे ने एक बार फिर संसद भवन में उठाई गई है। संसद भवन से समाजवादी पार्टी के नेता सेंगोल को हटाने की मांग उठाई जा रही है। असल में गुरुवार को जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने पहुंची तो हाउस में प्रवेश करते समय और बाहर निकलते वक्त सबसे आगे सेंगोल था। जैसे ही राष्ट्रपति का अभिभाषण खत्म हुआ तो समाजवादी पार्टी के सांसदों ने संसद में सेंगोल को हटाकर संविधान की कॉपी रखने की मांग उठा दी।

सपा सांसद ने सेंगोल का बताया मतलब

आरके चौधरी ने बताया है कि सेंगोल तमिल भाषा में एक शब्द होता है। इस शब्द का हिंदी में अर्थ होता है राजदंड। राजदंड का एक और अर्थ होता है राजा की छड़ी भी। इसका एक अन्य अर्थ यह भी होता है कि यह राजा का डंडा भी होता है। जब कभी राजा अपने दरबान में बैठता था, तो फैसला करता था और एक डंडा/छड़ी पीटता था।

देश संविधान से चलेगा न कि राजा के डंडा से

सपा नेता ने व्यक्त किया कि इस देश को 555 राजाओं को सरेंडर करने के बाद ही स्वतंत्र हुआ है। जो भी हो, देश का हर व्यक्ति, चाहे वह महिला हो या पुरुष। यदि वह वयस्क है और उसके पास मताधिकार है, तो उसके प्रत्येक मत का महत्वपूर्ण योगदान इस देश में शासन-प्रशासन को संचालित करेगा। ये तय हो गया है। इसके साथ ही, सपा सांसद आरके चौधरी ने यह बताया कि देश की प्रगति राजा के शासन से नहीं, बल्कि संविधान के आदेशों के अनुसार होनी चाहिए। इसलिए समाजवादी पार्टी की मांग है कि अगर लोकतंत्र को बचाना है तो संसद भवन से सिंगोल को हटाना होगा।

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