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आज पारा पहुंचेगा 45 के पार, गर्मी बनी जानलेवा ,कूलर पंखा हुआ बेअसर

विनीत प्रताप श्रीवास्तव :   पूरे प्रदेश में गर्मी की तपिश ने सामान्य रूप से जीना मुहाल कर रखा है सुबह होते ही चिलचिलाती धूप में लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है, गोंडा जनपद सहित आसपास जनपदों में भी आज सुबह की शुरुआत ही 39 डिग्री से हुई, बढ़ते तापमान से यहाँ तक कि पशु पक्षियों का बोलना चहकना भी बंद सा हो गया है , कोयल की कूक शायद ही किसी बगिया में सुनायी देती हो | 11 बजते ही हॉट बाजारों में सन्नाटा पसर जाता है , लोग गर्मी से बेहाल होकर बेल शरबत ,गन्ने का रस , आम का पन्ना , पुदीना पानी पीकर इस भीषण गर्मी से निजात पाने के लिए आसानी से देखे जा सकते हैं | इस जानलेवा गर्मी में आर्द्रता ज़्यादा होने पर सांस लेने संबंधी दिक़्क़तें ज़्यादा बढ़ जाती हैं. पसीना भी ज़्यादा आता है और शरीर में पानी की मात्रा तेज़ी से कम होने लगती है इसलिए शरीर में तरावट का बने रहना जरुरी है |

डॉक्टर कहते हैं कि जब शरीर लम्बे समय तक सूर्य की किरणों को सीधे झेलती है तो शरीर में पानी की कमी होने लगती है पसीना और पेशाब के रास्ते शरीर से पानी निकलता है अगर बाहर से पानी/तरल पदार्थ शरीर के अंदर नहीं जाता तो शरीर का तापमान सामान्य ( 37.5 डिग्री ) से ऊपर की ओर बढ़ने लगता है, इस वजह से बुख़ार जैसी स्थिति पैदा हो सकती है कभी-कभी उससे भी भयानक स्थिति पैदा हो जाती है, इस अवस्था को हाइपरथर्मिया कहते हैं|अगर बाहर का तापमान धीरे-धीरे बढ़ता है तो मानव शरीर कुछ हद तक इसे बर्दाश्त करने के लिए तैयार रहता है लेकिन मुश्किल तब आती है जब अचानक से तापमान बढ़ जाता है

ज्‍यादातर लोगों ने अनुभव किया होगा कि ज्‍यादा तापमान हमारे शरीर और स्‍वास्‍थ्‍य दोनों के लिए नुकसानदायक होता है कुछ लोगों के लिए तो ज्‍यादा तापमान घातक भी साबित हो जाता है. जो लोग भीषण गर्मी बर्दाश्‍त नहीं कर पाते, उनकी मौत भी हो जाती है

कब बढ़ती गर्मी बन जाती है मौत की वजह
इंसानी शरीर पर बढ़ते तापमान के असर के बारे में बात करते हुए डॉक्टर और शोधकर्ता अक्सर ‘हीट स्ट्रेस’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं, जब हमारा शरीर बेहद गर्मी में होता है तो वो अपने कोर तापमान को बनाए रखने की कोशिश करता है, वातावरण और शारीरिक स्थितियों पर निर्भर करता है कि शरीर अपने कोर तापमान को बनाए रखने की कोशिश किस हद तक कर पाता है  इसमें हमें थकान महसूस होती है. स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर पारा 45 डिग्री हो तो बेहोशी, चक्कर या घबराहट जैसी शिकायतों के चलते ब्लड प्रेशर कम होना आम शिकायतें हैं  वहीं, अगर आप 48 से 50 डिग्री या उससे ज्‍यादा तापमान में बहुत देर रह जाते हैं तो मांसपेशियां पूरी तरह जवाब दे सकती हैं और मौत भी हो सकती है |

गर्मी से बचने के उपाय/ सावधानियां  

  1. भरपूर पानी पिएं- गर्मी से बचने का एक सबसे आसान उपाय है कि आप भरपूर पानी पिएं। इससे शरीर गर्मी से लड़ने में सक्षम होगा। तेज धूप में निकलने से पहले 1 गिलास पानी पीकर निकलें। शरीर हाइड्रेट रहेगा और पानी की कमी नहीं होगी और धूप का असर भी कम होगा। घर की बाहर और बालकनी में पशु पक्षियों के लिए भी पानी जरूर रखें।
  2. खुद को कवर करके निकलें- सर्दी ही नहीं गर्मी से बचने के लिए भी खुद को कवर करके रखें। तेज धूप में सीधे निकलने से बचें। सिर को टोपी या किसी दुपट्टे से कवर करके रखें। हेडगियर का इस्तेमाल करें। अगर धूप में ज्यादा देर के लिए जा रहे हैं तो छाता लेकर जाएं। फुल स्लीव्स के सूती कपड़े पहनें। इससे धूप के असर को कम किया जा सकता है।
  3. घर में इलेक्ट्रोलाइट्स बनाकर रखें- सिर्फ पानी ही काफी नहीं है धूप और गर्मी से बचने के लिए। इसके लिए आप घर में नमक और चीनी का घोल बनाकर रखें। इस होममेड इलेक्ट्रोलाइट्स से आप शरीर में पानी की कमी को दूर कर सकते हैं। इससे गर्मी का असर आपको प्रभावित नहीं कर पाएगा
  4. इस समय न निकलें- भीषण गर्मी में बच्चों और बुजुर्गों का खास ख्याल रखें। तेज गर्मी में बच्चों को आउटसाइड खेलने के लिए न भेजें। 11 बजे से 4 बजे तक बच्चों और बुजुर्गों को घर पर ही रहने के लिए कहें। घर में पर्दे लगाकर रखें और हवादार जगहों पर ही बैठें।
  5. लू लगने पर क्या करें- अगर किसी को लू लग जाए तो उसे आइस पैक और ठंडे पानी से ठंडा करने की कोशिश करें। मरीज को तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं। ठंडी जगह पर मरीज को लिटाएं और थोडा-थोड़ा पानी देते रहें

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