‘मैं अपने बच्चे को नहीं ढूंढ पा रहा हूं’: झांसी अस्पताल में आग लगने से मृत नवजात शिशुओं की पहचान ‘टैग’ से हुई, परिवारों ने बताई दिल टूटने की कहानी
झांसी के एक अस्पताल के नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (NICU) में भर्ती 10 वर्षीय बच्चे की मां ने कहा, “मुझे नहीं पता कि मेरा बच्चा कहां है।” यह उसका पहला बच्चा था। दूसरे बच्चे की दादी ने बताया कि जब NICU में आग लगी तो नर्सें लोगों को बाहर धकेल रही थीं और किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दे रही थीं। उन्होंने कहा, “मेरा बच्चा अभी तक नहीं मिला है।”
उत्तर प्रदेश के झांसी में शुक्रवार देर रात एक अस्पताल में लगी भीषण आग में 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई और 16 अन्य घायल हो गए। झांसी के जिला मजिस्ट्रेट अविनाश कुमार ने बताया कि राज्य के बुंदेलखंड क्षेत्र के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में शुक्रवार रात करीब 10.45 बजे आग लग गई।
एनआईसीयू के बाहरी हिस्से में मौजूद बच्चों को बचा लिया गया, साथ ही यूनिट के अंदरूनी हिस्से में मौजूद कुछ बच्चों को भी बचा लिया गया। हालांकि, इस घटना में 10 बच्चों की मौत हो गई।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधा सिंह ने कहा, “मेडिकल कॉलेज ने जानकारी दी है कि घटना के समय 52 से 54 बच्चे भर्ती थे और उनमें से 10 की मौत हो गई है, जबकि 16 का इलाज चल रहा है… अन्य के लिए सत्यापन जारी है।”
आग में जलकर मरे बच्चों के परिवारों ने अपनी दिल दहला देने वाली आपबीती सुनाई, कुछ ने दावा किया कि घटना के बाद से उन्हें अभी तक अपने बच्चे नहीं मिले हैं। एक व्यक्ति ने तो अपने बच्चे की मौत का सबूत भी मांगा और अस्पताल में पहचान की प्रक्रिया पर सवाल उठाया।