प्रधानपति समेत सभी आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर होगा बृहद आंदोलन………….अनूप श्रीवास्तव
प्रधानपति समेत सभी आरोपियों की तीन दिन में गिरफ्तारी न होने पर होगा बड़ा आंदोलन…………अनूप श्रीवास्तव
पंड़रीकृपाल/गोण्डा।
ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम पंचायत विकास अधिकारी समन्वय समिति के बैनर तले आज शनिवार को ग्राम पंचायत मलारी के प्रधानपति समेत सभी आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से आहत होकर सचिवगणों ने पंड़री कृपाल ब्लाक मुख्यालय में सुबह 10 बजे से दोपहर बाद 3 बजे तक सांकेतिक धरना किया। साथ ही जिलाधिकारी को एक पत्र भेजकर समूचे घटनाक्रम को अवगत कराते हुए कहा कि यदि तीन दिवस के भीतर सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती तो मजबूरन वृहद आंदोलन को जनपद के सभी सचिव बाध्य होंगे।
बताते चलें कि बीते शुक्रवार को मलारी ग्राम पंचायत में विजय कुमार बतौर सचिव तैनात हैं उन्होंने थाना कोतवाली नगर में तहरीर दी कि ब्लाक मुख्यालय पंड़री कृपाल में सरकारी कामकाज को निपटा रहा था कि मलारी के प्रधानपति राम प्रकाश वर्मा व उनके पुत्र विशाल वर्मा तथा भतीजे संतोष वर्मा सहित करीब 20 अन्य लोगों के साथ आये और बिना कार्य किये ही मनरेगा समेत ग्राम पंचायत के अन्य कार्य का जबरन भुगतान के लिए हस्ताक्षर करने हेतु दबाव बनाने लगे, जिस पर कार्य निरीक्षण बाद ही भुगतान प्रपत्र पर हस्ताक्षर की बात की। इस बात को लेकर मुझे जाति-सूचक शब्द तथा भद्दी -भद्दी गालियां देते हुए मारा-पीटा गया तथा जबरन अपहरण की नीयत से अल्टो कार में लाद रहे थे कि मेरे द्वारा हल्ला मचाने पर शोर शराबा सुनकर ब्लाक मुख्यालय में मौजूद की सचिव व प्रधान दौड़े तब मेरी किसी तरह जान बची।
इस सम्बन्ध में थाना कोतवाली नगर में ग्राम पंचायत अधिकारी विजय कुमार द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने 154 सीआरपीसी तहत मुकदमा संख्या 0354 भादंवि की धारा 147,148,149,332,353,504,506,327 तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (नृशंसता 3(2)(v) अधिनियम 2015 अन्तर्गत पंजीकृत कर दिया है
ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम पंचायत विकास अधिकारी समन्वय समिति ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए समन्वय समिति के कार्यकारी अध्यक्ष अनूप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि विजय कुमार के साथ हुए घटना में पुलिस द्वारा मुकदमा तो पंजीकृत कर लिया गया किन्तु गिरफ्तारी नहीं किये जाने से आहत होकर आज पंड़री कृपाल में सांकेतिक धरना किया गया है साथ ही कहा कि यदि तीन दिवस के भीतर सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती है तो वृहद आंदोलन किया जायेगा। अब देखना यह है कि आरोपियों की गिरफ्तारी होगी या सचिवगणों का आंदोलन।