जेडीयू और टीएमसी को किसने दिए इलेक्टोरल बॉन्ड?
पार्टी को नहीं पता, कहा- कोई ऑफिस में छोड़ गया
इलेक्टोरल बॉन्ड के लाभार्थियों में पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस और बिहार का सत्ताधारी दल जेडीयू भी शामिल है. हालांकि इन दोनों पार्टियों की दलील है कि कोई उनके पार्टी ऑफिस में सीलबंद लिफाफे दे गया था, जिसके अंदर ये इलेक्टोरल बॉन्ड्स थे और इसलिए वे इस बात से अंजान थे कि यह दान किसने दिया
नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद से इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. चुनाव आयोग की तरफ से रविवार को जारी आंकड़ों से पता चला कि चुनावी बॉन्ड खरीदने के मामले में सबसे टॉप पर रहे ‘फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज’ ने तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके को सबसे अधिक 509 करोड़ रुपये दान दिए थे. वहीं चुनावी बॉन्ड के इन लाभार्थियों में पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस और बिहार का सत्ताधारी दल जेडीयू भी शामिल है. हालांकि इन दोनों पार्टियों की दलील है कि कोई उनके पार्टी ऑफिस में सीलबंद लिफाफे दे गया था, जिसके अंदर ये इलेक्टोरल बॉन्ड्स थे और इसलिए वे इस बात से अंजान थे कि यह दान किसने दिया
हालांकि जेडीयू ने अप्रैल 2019 में चुनावी बॉन्ड से प्राप्त 13 करोड़ रुपये में से 3 करोड़ रुपये के दानदाताओं की पहचान का खुलासा किया, लेकिन टीएमसी ने यह नहीं बताया है कि 16 जुलाई, 2018 और 22 मई, 2019 को उसे चुनावी बॉन्ड के जरिये करीब 75 करोड़ रुपये का दान किसने दिया था.‘
गुमनाम रहना चाहते हैं डोनर’टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, टीएमसी ने 27 मई, 2019 को चुनाव आयोग को सौंपे आवेदन में कहा था, ‘इनमें से अधिकांश बांड हमारे कार्यालय में भेजे गए थे और ड्रॉप बॉक्स में डाल दिए गए थे या विभिन्न व्यक्तियों के दूतों के जरिये भेजे गए थे, जो हमारी पार्टी का समर्थन करना चाहते थे. इनमें से कई गुमनाम रहना पसंद करते हैं. इसलिए हमारे पास इन लोगों के नाम या कोई दूसरी जानकारी नहीं है