बटला हाउस में हाई कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाने से किया इनकार

दिल्ली में भाजपा की 27 साल की वापसी एक नया विकास और बदलाव लेकर आई
वही हाल ही में बुलडोजर एक्शन के बाद सभी विपक्षी पार्टियों के बयान सामने आ रहे हैं दरअसल पार्टियों का कहना है कि लोगों से उनके घर छीनी जा रहे हैं पार्टी में यह किस तरह का काम हो रहा है?
जहां बीजेपी लोगों को आवास देने की बात कर रही थी वहीं लोगों के बसे बसाए घर को उजाड़ रही है जिसको लेकर आप आम आदमी पार्टी की काफी प्रतिक्रिया सामने आई है।
आप सांसद की प्रतिक्रिया आई सामने
वही हाल ही में आप सांसद संजय सिंह ने बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाने के लिए पीएम मोदी को पत्र लिखा। जिसमें उन्होंने उनसे आग्रह किया राजधानी में बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी जाए क्योंकि दिल्ली में बीजेपी सरकार लोगों से उनके घर छीन रही है। जिसके बाद लोग सड़क पर आ गए हैं और मैंने उन लोगों से मुलाकात कर उनका दुख देखा इसके बाद मुझे ऐसा लगा कि मुझे पत्र लिखकर आग्रह करना चाहिए इसके लिए मैं आपको पत्र लिख रहा हूं और आप मेरे इस पत्र को मेरी प्रार्थना स्वीकार करते हुए बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाए ।
आपको बता दे दिल्ली हाई कोर्ट ने दो मुद्दों पर याचिकाओं को सूचीबद्ध किया है। दरअसल उसमें बटला हाउस में अवैध निर्माण पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई न करने की बात कही है। जिसको कोर्ट ने खारिज कर दिया है और याचिका को सूचीबद्ध कर 11 जून को सुनवाई करने की बात कही है। कोर्ट की भी प्रतिक्रिया सामने आई है जिसमें कोर्ट ने कहा है कि हम बटला हाउस में किसी भी प्रकार से कार्रवाई पर रोक नहीं लगा सकते।
आप विधायक ने की कोर्ट में याचिका दर्ज
दिल्ली कोर्ट ने बता हाउस में अवैध निर्माण पर रोक लगाने से पूर्ण इनकार कर दिया है जिसको लेकर आप विधायक अमानतुल्लाह खान की ओर से याचिका कोर्ट में दर्ज की गई थी। जिस पर अभी तक सुनवाई की जा रही थी लेकिन हाल ही में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए याचिका को सूचीबद्ध करते हुए11 जून को सुनवाई करने की बात कही है।
याचिकाओं पर अदालत ने क्या कहा
दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि पहले भी कई लोगों ने उनकी याचिकाओं पर राहत प्रदान की है।लेकिन यह मामला जनहित मैं दायर किया गया है जिसमें किसी भी प्रकार से कोई राहत नहीं मिल सकती अब फैसला याचिकाओं पर सुनवाई के बाद ही होगा।
वही आपको बता दे की अमानतुल्लाह खान के वकील ने भी कहा कि 11 जून को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई निश्चित है। लेकिन ऐसा ना हो जिसके लिए अदालत में आग्रह किया गया लेकिन अदालत ने उस याचिका को खारिज कर दिया। इसके साथ ही डीडीए ने वकील की याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह जो पक्ष है वह मजबूत नहीं है पक्ष प्रभावित होना चाहिए उसके बाद ही डीडीए के फैसले पर रोक लगाई जा सकती है