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रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि विज्ञापन अवमानना मामला बंद किया

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को योग गुरु रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ अवमानना का मामला बंद कर दिया और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के उत्पादों के संबंध में भ्रामक विज्ञापन और अन्य दावे जारी करने से रोकने के उनके वचन को स्वीकार कर लिया।

भारतीय चिकित्सा संघ द्वारा दायर याचिका में 2022 में रामदेव और पतंजलि द्वारा आधुनिक चिकित्सा के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। याचिका में दिखाया गया कि जीवनशैली संबंधी विकारों और अन्य बीमारियों के लिए चमत्कारिक इलाज का वादा करने वाले पतंजलि के विज्ञापनों ने औषधि और जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 और औषधि और प्रसाधन सामग्री नियम, 1954 के तहत कानून का उल्लंघन किया है।

अदालत ने रामदेव और बालकृष्ण को अवमानना नोटिस जारी किया था, क्योंकि कंपनी द्वारा पिछले वर्ष नवंबर में दिए गए वचन का उल्लंघन करते हुए समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी रहे।

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