गुणवत्तापूर्ण और तकनीकी शिक्षा से संवरेगा नए उत्तर प्रदेश का भविष्य: प्रभारी मंत्री

निपुण स्कूलों के शिक्षकों का हुआ सम्मान, मुख्यमंत्री ने रिमोट से किया कंपोजिट विद्यालय का शिलान्यास
गोंडा
“नए भारत और समृद्ध उत्तर प्रदेश की नींव गुणवत्तापरक और तकनीकी शिक्षा पर टिकी है। शिक्षक इस दिशा में जो कार्य कर रहे हैं, वह प्रशंसनीय है।” यह बात प्रदेश सरकार के प्रभारी मंत्री दारा सिंह चौहान ने सोमवार को जिला पंचायत सभागार में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में कही।
उन्होंने कहा कि स्मार्ट क्लास, डिजिटल लाइब्रेरी और निपुण भारत मिशन जैसी योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की तस्वीर बदल रही हैं। समारोह में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा निपुण स्कूल, स्मार्ट क्लास और डिजिटल लाइब्रेरी योजना में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ से आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में रिमोट कंट्रोल के माध्यम से गोंडा में प्रस्तावित अत्याधुनिक कंपोजिट विद्यालय का शिलान्यास किया। साथ ही प्रदेश भर से चयनित निपुण स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और सर्वाधिक छात्र नामांकन कराने वाले शिक्षकों को वर्चुअल माध्यम से सम्मानित किया।
मेहनौन विधायक विनय कुमार द्विवेदी ने कहा कि शिक्षा में नवाचारों की बदौलत गोंडा जिले ने विशेष पहचान बनाई है। गौरा विधायक प्रभात वर्मा ने संसाधनों की कमी के बावजूद तकनीकी शिक्षा को अपनाने वाले शिक्षकों की सराहना की।
एमएलसी मंजू सिंह ने कहा कि शिक्षक बच्चों के भविष्य निर्माता हैं और उनका मार्गदर्शन ही देश को दिशा देगा। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कहा कि निपुण भारत मिशन को सफल बनाने में शिक्षकों की भूमिका केंद्रीय है और जिला प्रशासन उन्हें हर संभव सहयोग देगा। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी ने कहा कि निपुण स्कूलों में बच्चों की दक्षता बढ़ाने के लिए तकनीकी संसाधनों का प्रभावी उपयोग हो रहा है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का सीधा प्रसारण भी किया गया, जिसमें प्रदेश भर के निपुण स्कूलों की उपलब्धियां साझा की गईं।
इस अवसर पर सांसद प्रतिनिधि रमाशंकर मिश्रा, विधायक प्रतिनिधि वेद प्रकाश दुबे, परियोजना निदेशक चंद्रशेखर, राजेश सिंह, आर.के. सिंह, सीमा पांडे, गणेश गुप्ता, प्रेम शंकर मिश्रा, जगदीश गुप्ता समेत कई अधिकारी, शिक्षक और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। सम्मानित शिक्षकों में जिले के कई प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक और नवाचार करने वाले शिक्षक शामिल रहे, जिन्होंने शिक्षा में नए आयाम स्थापित किए हैं।