अलाप्पुझा में दो पंचायतों को प्रभावित करने वाले बर्ड फ्लू के प्रकोप की रिपोर्ट के बाद राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने स्वास्थ्य विभाग के निदेशक को केरल सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिनियम 2023 के तहत उचित उपाय शुरू करने का निर्देश दिया है. स्वास्थ्य मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि हालांकि बर्ड फ्लू ने अभी तक राज्य में मनुष्यों को प्रभावित नहीं किया है, लेकिन इसके प्रसार को रोकने के लिए सावधानी बरतना जरूरी है. भोपाल लैब में भेजे गए रोगी बत्तखों के नमूनों पर किए गए टेस्ट के बाद एडथवा ग्राम पंचायत के वार्ड 1 और चेरुथाना ग्राम पंचायत के वार्ड 3 में बत्तखों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई. जिले के अधिकारियों ने एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N1) की मौजूदगी की पुष्टि की
शुक्रवार को राज्य के पशुपालन विभाग (एएचडी) ने अलाप्पुझा के कुट्टनाड के प्रभावित इलाकों में पक्षियों को मारने का अभियान चलाया. बर्ड फ्लू के प्रकोप के केंद्र एडथुआ और चेरुथाना में लगभग 21,000 बत्तखों को मार दिया जाएगा. इसके अलावा प्रकोप वाले इलाके के एक किलोमीटर के दायरे में सभी पालतू पक्षियों को मार दिया जाएगा. वहीं इसे देखते हुए तमिलनाडु ने 12 सीमा जांच चौकियां कायम की हैं.
H5N1 क्या है?
लाइव साइंस के मुताबिक H5N1, जिसे बर्ड फ्लू के रूप में भी जाना जाता है, एवियन इन्फ्लूएंजा ए का एक अत्यधिक रोगजनक उपप्रकार है. जो पोल्ट्री में गंभीर बीमारी पैदा करने और कभी-कभी मनुष्यों और अन्य स्तनधारियों में फैलने के लिए जाना जाता है. हालांकि यह मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करता है, लेकिन मनुष्यों सहित गैर-पक्षी प्रजातियों में इसके घातक नतीजे हो सकते हैं. इस वायरस की पहचान पहली बार 1996 में चीन में हुई थी, जिसके प्रकोप के दौरान बड़ी संख्या में मानव मौतें हुईं, जिसमें 1997 में हांगकांग में हुई एक मौत भी शामिल थी.
लक्षण
मनुष्यों में, H5N1 संक्रमण के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक इनमें कोई लक्षण नहीं होने या हल्का बुखार, आंखों में लालिमा या हल्के फ्लू जैसे लक्षण से लेकर गंभीर मामलों तक अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत हो सकती है. इसमें खांसी, गले में खराश, बहती या बंद नाक, मांसपेशियों या शरीर में दर्द, सिरदर्द, थकान और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं. कम आम लक्षणों में दस्त, मतली, उल्टी या दौरे शामिल हो सकते हैं. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि बुखार हमेशा मौजूद नहीं हो सकता है.