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चुनाव ट्रेनिंग से गायब मिले 400 से अधिक कर्मचारी, DM ने लिया कड़ा एक्शन,

अनुपस्थित रहने पर पदाधिकारी और कर्मियों पर गिरी गाज, 24 घण्टे के अंदर सभी से स्पष्टीकरण मांगा है

अनुपस्थित रहने पर पदाधिकारी और कर्मियों पर गिरी गाज, 24 घण्टे के अंदर सभी से स्पष्टीकरण मांगा है

लोकसभा चुनाव 2024 में लगे मतदान कर्मियों और पदाधिकारियों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में भारी लापरवाही बरती है और प्रशिक्षण कार्यक्रम से चुनाव कर्मियों के गायब होने का सिलसिला बढ़ता जा रहा है. इस पर जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी यशपाल मीणा ने कड़ा एक्शन लिया है और 465 मतदान कर्मियों से 24 घण्टे के अंदर स्पष्टीकरण की मांग की है. चुनाव प्रशिक्षण के पहले दिन 191 कर्मचारी गायब रहे तो वहीं दूसरे दिन 104 कर्मचारी प्रशिक्षण में नहीं पहुंचे. इसी तरह तीसरे दिन 75 तो चौथे दिन प्रशिक्षण लेने वाले 95 कर्मी गायब रहे.

चुनाव प्रशिक्षण से लगातार गायब होने वाले कर्मियों की संख्या बढ़ने के बाद वैशाली डीएम यशपाल मीणा ने सख्ती दिखाते हुए प्रशिक्षण में उपस्थित रहने वाले कर्मचारीयों से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए पूछा है कि क्यों नहीं आप सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के लिए निर्वाचन आयोग को लिखा जाए. डीएम के कड़े रूख के बाद चुनाव कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई की तलवार लटक गई है और कर्मियों में हड़कंप मच गया है.

बता दें कि लोकसभा चुनाव प्रशिक्षण के लिए वैशाली जिला में तीन प्रशिक्षण केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें मुल्कजादा इंटर कॉलेज, रामबालक राय महाविद्यालय और राय वीरेंद्र महाविद्यालय शामिल हैं. इन तीनो प्रशिक्षण केंद्र पर 105 ट्रेनरों द्वारा दो पाली में चुनाव कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस बारे में प्रशिक्षण कोषांग के नोडल पदाधिकारी ने बताया की 4 अप्रैल को 3526 प्रशिक्षण कर्मियों में 3335 उपस्थित हुए जबकि 5 अप्रैल को 3106 प्रशिक्षण कर्मी में 3002 उपस्थित हुए, वहीं 6 अप्रैल को 3240 प्रशिक्षण कर्मियों में 3165 उपस्थित रहे और 75 गायब रहे.

प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहने वालों में पीठासीन पदाधिकारी और मतदान पदाधिकारी शामिल हैं, इसलिए जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए महिला एवं पुरुष सहित कुल 465 कर्मचारियों से 24 घण्टे के अंदर शो कॉज पूछा है. वैशाली डीएम यशपाल मीणा ने बताया कि प्रशिक्षण से गायब रहने वाले पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारी के खिलाफ जिला प्रशासन ने स्पष्टीकरण करते हुए 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा. डीएम ने नोडल पदाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि प्रशिक्षण से गायब रहने वाले कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगें. समय सीमा के अंदर स्पष्टीकरण नहीं देने वाले के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज किया जाएगा

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