ईद पर 1 घंटे नमाज से… स्वर्ग तो नहीं गिर जाएगा, 600 साल पुरानी मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष ने HC में दी यह दलील
11 मार्च को सिंगल बेंच ने 'अखुंदजी मस्जिद' में रमजान के महीने के दौरान प्रार्थना की अनुमति देने से इनकार कर दिया था
नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को महरौली स्थित अखुंदजी मस्जिद स्थल पर रमजान के महीने और ईद के दौरान नमाज अदा करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. यह मस्जिद अब ध्वस्त की जा चुकी है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने निर्देश दिया कि मुंतजामिया कमेटी मदरसा बहरुल उलूम एवं कब्रिस्तान की अपील को सात मई की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध संबंधित मामले के साथ जोड़ दिया जाए.
समिति ने सिंगल बेंच के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें रमजान और ईद की नमाज के लिए मस्जिद स्थल में प्रवेश की अनुमति देने के अनुरोध वाली याचिका को खारिज कर दिया गया था. पीठ ने कहा कि सिंगल बेंच ने शब-ए-बारात के अवसर पर नमाज की अनुमति देने से इनकार करने वाले एक अन्य आदेश के आधार पर आदेश पारित किया और इस आदेश को चुनौती देने वाली एक अन्य अपील पर मई में सुनवाई होगी.
याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत से अपील पर एक आदेश पारित करने का आग्रह करते हुए कहा कि तब तक रमजान के साथ-साथ ईद की अवधि भी समाप्त हो जाएगी, लेकिन पीठ ने कहा कि इस स्तर पर मामले में कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया जा सकता है, खासकर जब एकल न्यायाधीश ने करीब एक महीने पहले राहत देने से इनकार कर दिया था.
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हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि अपील पर उस अपील के साथ ही सुनवाई होगी. इस मामले में सिंगल बेंच का आदेश 11 मार्च को आया था. कोर्ट ने कहा कि इस पर उस अपील के साथ 7 मई को सुनवाई होगी. कोई अंतरिम आदेश नहीं हो सकता. अपीलकर्ता के वकील ने कहा कि समिति कोई ‘पिछले दरवाजे से प्रवेश’ पाने की कोशिश नहीं कर रही है. बाबरी मस्जिद मामले और ज्ञानवापी मामले पर भरोसा करते हुए उन्होंने कहा कि संवैधानिक अदालतों ने पहले धार्मिक मान्यताओं का सम्मान किया है और धार्मिक स्थलों के संबंध में कानूनी विवादों के लंबित रहने तक प्रार्थना करने की अनुमति दी है.
वकीलों ने तर्क दिया कि अगर एक घंटे के लिए ईद की नमाज की अनुमति दी जाती है, तो स्वर्ग नहीं गिर जाएगा… भारत के लोगों, विशेष रूप से मुसलमानों को एक संदेश जाएगा कि अदालतें मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा के लिए समान रूप से उत्साहित हैं. 11 मार्च को सिंगल बेंच ने ‘अखुंदजी मस्जिद’ में रमजान के महीने के दौरान प्रार्थना की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, जबकि यह देखते हुए कि हाईकोर्ट ने पहले शब-ए-बारात के अवसर पर स्थल पर भक्तों के प्रवेश की अनुमति देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि अलग दृष्टिकोण अपनाने का कोई औचित्य नहीं था.
गौरतलब है कि 600 साल से अधिक पुरानी मानी जाने वाली अखुंदजी मस्जिद और साथ ही वहां के बहरुल उलूम मदरसे को संजय वन में अवैध ढांचा घोषित कर दिया गया था और इसे 30 जनवरी को दिल्ली विकास प्राधिकरण ने ध्वस्त कर दिया