पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के 13 ठिकानों पर ED की छापेमारी,दीवार तोड़कर जब्त किया कैश और जेवरात
अब तक 50 करोड़ से अधिक की प्रॉपर्टी जब्त
लखनऊ/अमेठी
लोकसभा चुनाव से पहले ईडी ने समाजवादी पार्टी के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति के घर पर मनी लांड्रिंग के मामले में छापेमारी की है. गायत्री प्रजापति के 13 ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की. अमेठी, लखनऊ और मुंबई में छापेमारी की गई बताया जा रहा है कि छापेमारी के दौरान ईडी को 40 लाख से ज्यादा रकम और भारी मात्र में जेवरात बरामद हुए है. इसके बाद गायत्री प्रजापति के बेटे अनुराग प्रजापति को ईडी की टीम अमेठी से अपने साथ लखनऊ के जोनल ऑफिस लेकर आई
सूत्रों के मुताबिक यहां अनुराग प्रजापति का स्टेटमेंट रिकॉर्ड होगा और स्टेटमेंट रिकॉर्ड होने के बाद अनुराग प्रजापति को ईडी छोड़ देगी. सूत्र यह भी बताते हैं की अनुराग प्रजापति के अलावा घर के दूसरे सदस्यों का भी स्टेटमेंट रिकॉर्ड होगा. जैसे ही अनुराग प्रजापति को ईडी की टीम ने हिरासत में लेकर लखनऊ जोनल ऑफिस लेकर आई, गायत्री प्रजापति की पत्नी और विधायक महाराज जी प्रजापति की तबीयत खराब हो गई जिन्हें अस्पताल में एडमिट करना पड़ा. बता दें कि जनवरी महीने में भी ईडी ने आरोपी गायत्री प्रजापति के ठिकानों पर रेड की थी और कई बेनामी संपत्तियों के बारे में जानकारी मिली थी
गुरुवार को ईडी की टीम ने गायत्री प्रजापति की महिला मित्र गुड्डा देवी के घर पर भी छापेमारी की. जानकारी के मुताबिक ईडी ने घर की एक दीवार तोड़कर भारी मात्रा में कैश और जेवरात बरामद किया है. इतना ही नहीं ईडी के अधिकारी नोट गिनने की मशीन भी ले जाते हुए नजर आए. जानकारी के मुताबिक 44 लाख के करीब कैश घर से मिला है इतना ही नहीं गायत्री प्रजापति के दामाद और गुड्डा देवी के नाम जमीन की भी जानकारी मिलेगी
अब तक 50 करोड़ से अधिक की प्रॉपर्टी जब्त
अब तक ईडी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति की 50.37 करोड़ की प्रॉपर्टी जब्त की है, 2021 से मनी लांड्रिंग के मामले और आय से अधिक संपत्ति के मामले में ईडी जांच कर रही है और 2017 से गायत्री प्रजापति रेप और आये से अधिक संपत्ति के मामले में जेल में बंद है अब तक ईडी ने गायत्री प्रजापति के परिवार के लोगों और नौकरों के नाम पर खरीदी गई प्रॉपर्टी को ईडी ने स्थायी रूप में जब्त किया है. मुंबई के मलाड और लखनऊ में कुछ खेती और रिहाईशी प्रॉपर्टी को अस्थाई तौर पर जब्त किया है
रेत खाना मामले में सीबीआई भी जांच कर रही है
बता दें कि जब अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे यानी साल 2012 से 17 तक उस दौरान शुरुआती दौर में रेत खनन मंत्रालय अखिलेश यादव के पास था अखिलेश यादव ने ही यह मंत्रालय गायत्री प्रसाद प्रजापति को हैंडोवर किया था जब इस मंत्रालय में घोटाले की बात सामने आई और ईडी ने जांच शुरू की तब बतौर गवाह ईडी ने अखिलेश यादव को 2019 में भी पूछताछ की थी और एक बार फिर लोकसभा चुनाव से पहले यानी पिछले महीने अखिलेश यादव को बतौर गवाह समन देकर दिल्ली पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन अखिलेश यादव पूछताछ में शामिल नहीं हुए. अखिलेश यादव ने जरूर सीबीआई से इस पूरे मामले में जांच में सहयोग करने को कहा है, लेकिन तमाम सवाल भी उठाए हैं अखिलेश यादव ने सीबीआई से पूछा था कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ही उन्हें समन क्यों भेजा गया है और जब उन्होंने 2019 में जवाब दे दिया था, तो ऐसे में अभी तक इतने दिनों तक जांच के लिए उन्हें नहीं बुलाया गया और फिर आखिरकार लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ही उन्हें क्यों बुलाया गया अखिलेश यादव को बतौर गवाह सीबीआई ने सम्मन भेजा था