प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रस्तावित यूक्रेन यात्रा को लेकर उन पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने रविवार को जानना चाहा कि क्या प्रधानमंत्री यूरोपीय देश की अपनी यात्रा से पहले या बाद में जातीय संघर्ष प्रभावित मणिपुर राज्य जाएंगे। यह यात्रा युद्धग्रस्त देश के राष्ट्रीय दिवस (24 अगस्त) के दिन होने की संभावना है।
रमेश ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर प्रधानमंत्री को ‘देवता’ बताते हुए व्यंग्यात्मक लहजे में लिखा , “मणिपुर के मुख्यमंत्री नई दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में भाग लेते हैं , जिसकी अध्यक्षता स्वयंभू गैर-जैविक प्रधानमंत्री करते हैं। फिर मणिपुर के मुख्यमंत्री उसी देवता की अध्यक्षता में भाजपा के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की बैठक में भाग लेते हैं ।”
उन्होंने कहा, “मणिपुर के लोग जो सरल प्रश्न पूछ रहे हैं, वह यह है: क्या श्री एन. बीरेन सिंह ने श्री नरेन्द्र मोदी से अलग-अलग मुलाकात की और मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की, जो 3 मई 2023 की रात को जलना शुरू हो गई थी? क्या श्री एन. बीरेन सिंह ने श्री नरेन्द्र मोदी को यूक्रेन की यात्रा से पहले या बाद में मणिपुर आने का निमंत्रण दिया था।”
कांग्रेस ने बार-बार प्रधानमंत्री की इस बात के लिए आलोचना की है कि वे राज्य का दौरा नहीं कर रहे हैं, जबकि राज्य मीतेई और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष के कारण जल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की भाजपा मणिपुर में सत्ता में है।
यदि यूक्रेन यात्रा होती है, तो यह प्रधानमंत्री की वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के नेतृत्व वाले देश की पहली यात्रा होगी, जिस पर फरवरी 2022 में रूस ने हमला किया था। राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की उन विश्व नेताओं में शामिल थे जिन्होंने जून में लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने पर उन्हें बधाई दी थी ।
प्रधानमंत्री के तीसरे कार्यकाल की पहली द्विपक्षीय यात्रा रूस की थी, जिसे ज़ेलेंस्की ने ‘ शांति प्रयासों के लिए विनाशकारी झटका’ बताया ।
पश्चिमी देशों ने यूक्रेन युद्ध के बावजूद रूस से तेल खरीदना जारी रखने के लिए भारत की आलोचना की है। साथ ही, भारत ने संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ प्रस्तावों पर मतदान से बार-बार परहेज किया है।