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पूर्व मंत्री अमरमणि की अग्रिम याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा- ‘जमानत देने से समाज में जाएगा गलत संदेश’

अमरमणि त्रिपाठी की अग्रिम जमानत अर्जी बृहस्पतिवार को खारिज कर दी गई है। आदेश में कहा गया कि अभियुक्त ने गंभीर प्रकृति का अपराध किया है। इस स्तर पर यदि जमानत पर छोड़ा गया तो समाज में इसका गलत संदेश जाएगा।

विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए न्यायालय प्रमोद कुमार गिरि ने आदेश में जिक्र किया है कि आरोपी पर नौतनवां महराजगंज, कोतवाली गोरखपुर सहित विभिन्न थानों में 36 मुकदमे दर्ज हैं। अभियुक्त के न्यायालय में न आने के कारण गैर जमानती वारंट जारी की गई है।

इसके बावजूद, वह न्यायालय में अभी तक नहीं पहुंचा है। ऐसे में अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार करने योग्य नहीं है। ऐसे में प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाता है। बता दें कि गैंगस्टर व अपहरण केस में अमरमणि त्रिपाठी की तरफ से जिला एवं सत्र न्यायाधीश को संबोधित तीन पन्ने के नोटरी शपथ पत्र के साथ जमानत की अर्जी दी गई थी।

कहा गया था कि केस के वादी की मृत्यु हो चुकी है। राहुल मद्धेशिया ने 21 जून को न्यायालय में अपने द्वारा स्वयं हाजिर होकर सुलहनामा दाखिल किया है। जिसमें कहा गया है कि उसके अपहरण में अमरमणि त्रिपाठी की भूमिका नहीं है। अमरमणि को जानता-पहचानता नहीं हूं और न कभी मिला हूं।

शपथ पत्र में दर्शाया गया था कि जो आपराधिक इतिहास पुलिस दिखा रही है, उनमें से अधिकांश केस समाप्त हो चुके हैं। गैंगस्टर व अपहरण समेत अन्य केस में गैर जमानती वारंट जारी है। इसलिए पुलिस कभी भी गिरफ्तार कर सकती है। इस प्रकार, पहले जमानत स्वीकार की जानी चाहिए। हालांकि, याचिका खारिज कर दी गई है।

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