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स्वामी विवेकानंद का जीवन देश के असंख्य युवाओं लिए प्रेरणास्रोत हैं

राष्ट्रीय युवा दिवस पर गौरव श्रीवास्तव के विचार

स्वामी विवेकानंद जी की जयंती ’राष्ट्रीय युवा दिवस’ के रूप में साधना आईटीआई, दुल्हापुर बनकट, गोण्डा में मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुवात साधना आईटीआई के प्रबंधक गौरव श्रीवास्तव ने स्वामी विवेकानंद जी की चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया साथ ही सभी छात्रों ने राष्ट्रीय गान किया।

इस मौके पर प्रबंधक गौरव श्रीवास्तव ने छात्रों को संबंधित करते हुए कहा कि स्वामी जी के जीवन का कण-कण राष्ट्र की प्रगति में लगा, आज भी उनके विचार सभी को प्रभावित करते हैं और शिकागो के धर्म संसद में दिए भाषण ने पूरे विश्व को संस्कार का पाठ पढ़ाया और हिंदुस्तान का सर ऊंचा किया।

स्वामी विवेकानंद का ज्ञान, उनके विचार हर युवा की तरक्की में मार्गदर्शक है। उनके दिखाए गए रास्ते पर चलकर हर युवा सफलता प्राप्त कर सकता है। इसी कड़ी में स्वामी विवेकानंद की जयंती और राष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर लोगों पर लोग एक-दूसरे के साथ उनके विचार साझा करते हैं।

स्वामी विवेकानंद अपने ओजपूर्ण और बेबाक भाषणों के कारण काफी लोकप्रिय हुए, खासकर युवाओं के बीच…यही कारण है कि उनके जन्मदिन को पूरा राष्ट्र ‘युवा दिवस’ के रूप में मनाता है। उन्होंने मानवता की सेवा एवं परोपकार के लिए 1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।

स्वामी विवेकानंद का नाम इतिहास में एक ऐसे विद्वान के रूप में दर्ज है, जिन्होंने मानवता की सेवा को अपना सर्वोपरि धर्म माना। अमेरिका के शिकागो में धर्मसभा में अपने धाराप्रवाह भाषण से अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आए भारतीय संन्यासी स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को बंगाल में हुआ था।

उन्होंने बताया कि हमें अपने कर्त्तव्य को समझना चाहिए और फिर लक्ष्य प्राप्ति का प्रयास करना चाहिए. मौके पर छात्रों ने स्वामी विवेकानंद के धर्म और शिक्षा आधारित मूल्यों पर त्वरित भाषण प्रतियोगिता में अपनी बातें रखी। उन्होंने कहा कि स्वामी जी के द्वारा शिकागो धर्म सम्मेलन में दिया गया भाषण अद्भुत था।

उनके जीवन से हमें प्रेरणा लेने की जरूरत है। आगे गौरव श्रीवास्तव ने कहा कि किसी भी देश का वर्तमान एवं भविष्य युवाओं के व्यक्तित्व पर निर्भर करता है। युवा सपनों को आकार देने का अर्थ है संपूर्ण मानव जाति के उन्नत भविष्य का निर्माण। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आज के युवा छात्रों तथा समाज के लोगों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए प्रेरित करना है।


स्वामी जी के जीवनकाल से प्रभावित होकर आशीष कुमार, विजय वर्मा, आशीष शुक्ला, साक्षी तिवारी, योग्यता आदि ने अपने–अपने विचार सभी के समक्ष रखा साथ ही सभी युवाओं ने प्रण लिया कि वे देश की उन्नति के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।इस मौके पर वैभव पाठक, शिवम श्रीवास्तव, अनिल मौर्य, एवम अवनीश तिवारी भी उपस्थित रहे।

 

 

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