बिहार

बिहार ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को मिली नई ऊर्जा, नीतीश सरकार ने बढ़ाई आशा-ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि

बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ मानी जाने वाली आशा और ममता कार्यकर्ताओं को आखिरकार उनकी मेहनत का कुछ तो इनाम मिला है। नीतीश कुमार की सरकार ने इन स्वास्थ्य कर्मियों की प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी का फैसला किया है, जिससे हजारों कार्यकर्ताओं को आर्थिक राहत मिलने की उम्मीद है।

ये महिलाएं गांव-गांव जाकर गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं और अन्य मरीजों की देखभाल करती हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में इनकी भूमिका न केवल महत्वपूर्ण है बल्कि सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं को ज़मीन तक पहुंचाने में भी अहम रही है।

राज्य सरकार की ओर से यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब लंबे समय से ये कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत थीं। अब बढ़ी हुई राशि से न सिर्फ उनका मनोबल बढ़ेगा, बल्कि उन्हें अपने परिवार की आर्थिक ज़रूरतें पूरी करने में भी सहायता मिलेगी।

नीतीश सरकार का यह कदम सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। इससे सरकार की “लोककल्याणकारी” छवि को बल मिलेगा, वहीं विपक्ष को भी इन वर्गों को लेकर सरकार पर निशाना साधने का मौका कम मिलेगा।

विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि सरकार इन कार्यकर्ताओं को स्थायी कर्मचारी का दर्जा देने की दिशा में भी कदम उठाए, तो यह ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था में क्रांतिकारी सुधार ला सकता है।

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former crime reporter DAINIK JAGRAN 2001 and Special Correspondent SWATANTRA BHARAT Gorakhpur. Chief Editor SAAMYIK HANS Hindi News Paper/news portal/

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