बांग्लादेश के नए नोट पर किस हिंदू मंदिर की तस्वीर? जिसकी मूर्तियां तोड़ीं, उसी देवता की यहां होती है पूजा

बांग्लादेश में जब से शेख हसीना को देश से भागने को मजबूर किया गया, तब से बहुत से बदलाव हो चुके हैं. यहां की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद युनुस तो जैसे भारत के दुश्मन बने हुए हैं. हालांकि इसी बीच कुछ चौंकाने वाला हुआ है. यहां पर नए डिज़ाइन वाले नोट जारी किए गए हैं, जिनमें से एक पर बांग्लादेश में मौजूद एक प्राचीन हिंदू मंदिर की भी तस्वीर लगाई गई है.
बांग्लादेश के पहले प्रधानमंत्री और राष्ट्रपिता माने जाने वाले शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर को नोटों से हटाया गया है और इसे प्राकृतिक नज़ारों और पारंपरिक स्थलों से बदल दिया गया है. यह जानकारी बांग्लादेश के बैंक की ओर से दी गई. नए नोटों पर हिंदू और बौद्ध मंदिर, पुराने महलों और बंगाल में ब्रिटिश शासन के दौरान आए अकाल को दर्शाती ज़ैनुल आबेदीन की कलाकृति भी छापी गई है. एक नोट पर नेशनल मार्टियर्स मेमोरियल की तस्वीर भी है.
*किस मंदिर की तस्वीर है नोट पर?*
बांग्लादेश में 20 टका के नोट पर जिस मंदिर की तस्वीर है, वो कांता जू मंदिर है. इसे कांतानगर मंदिर या कांताजी मंदिर भी कहा जाता है. बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले में मौजूद इस हिंदू मंदिर है. यह 18वीं शताब्दी का एक धार्मिक स्थल है. यह मंदिर अपनी सुंदर टेराकोटा वास्तुकला के लिए जाना जाता है, जिसमें महीन नक्काशी की गई है, जिसके ज़रिये हिंदू पौराणिक कथाओं के दृश्यों को दिखाया गया है. कहते हैं साल 1704 में दिनाजपुर के राजा प्राणनाथ ने इस मंदिर की आधारशिला रखी थी और 48 साल में यह नौ मंजिला मंदिर पूरा हुआ. हालांकि जब साल 1752 में मंदिर पूरा हुआ, तब तक प्राणनाथ का स्वर्गवास हो चुका था. इसके बाद उनके बेटे राजा रामनाथ ने इस मंदिर का निर्माण कार्य पूरा कराया. साल 1897 में जब यहां भूकंप आया तो मंदिर की कई मंजिलें गिर गई थीं.
जिसका मंदिर जलाया, उसी देवता की होती है पूजा
जब नोटों की तस्वीरें आईं, तो सबसे हैरान करने वाली बात तो ये थी कि जिस कांताज्यू मंदिर कीतस्वीर इस पर थी, वहां भगवान कांता यानि कृष्णजी की पूजा होती है. आपको याद होगा कि बांग्लादेश में शेख हसीना की विदाई के बाद सबसे ज्यादा हमले भगवान कृष्ण की पूजने वाले इस्कॉन मंदिर पर ही हुए थे. यहां के पुजारियों से लेकर भक्तों तक पर हमले किए गए, मंदिर की कई मूर्तियों को छिन्न भी कर दिया गया था.
*किसकी तस्वीर हटाई गई?*
अब तक बांग्लादेश के नोटों पर शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर होती थी. वे 1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तान से आज़ादी दिलाने वाले नेता थे, जिनकी 1975 में सैन्य तख्तापलट के दौरान हत्या हो गई थी.यह पहली बार नहीं है जब बांग्लादेश में नोटों के डिज़ाइन बदले गए हैं. जब खालिदा जिया की पार्टी BNP सत्ता में थी, तब नोटों पर ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थलों की तस्वीरें होती थीं.