सहारनपुर पुलिस बनी फरिश्ता: विधवा महिला की बेटी की करवाई शादी, खुद उठाया सारा खर्च

सहारनपुर, उत्तर प्रदेश:
सहारनपुर की गंगोह पुलिस ने इंसानियत और सेवा भाव की एक मिसाल कायम की है, जिसकी पूरे इलाके में जमकर सराहना हो रही है। एक विधवा महिला की पुकार जब थाने पहुंची, तो पुलिस सिर्फ कानून का पालन करने वाली संस्था नहीं रही — बल्कि वह एक जिम्मेदार, संवेदनशील और मददगार परिवार की तरह सामने आई।
40 दिन की मजदूरी नहीं मिली, पुलिस बनी सहारा
लाडो नाम की एक विधवा महिला थाने पहुंची थी। उसकी शिकायत थी कि जिस घर में वह साफ-सफाई का काम करती है, वहां पिछले 40 दिन की मजदूरी नहीं दी गई, जबकि उसकी बेटी की शादी सिर पर थी। कर्ज लेकर शादी करवाने की सोच रही थी, लेकिन फिर गंगोह पुलिस ने कुछ ऐसा किया जो मिसाल बन गया।
थाने में ही दिया काम, फिर रचाई बेटी की शादी
पुलिस ने महिला की दिक्कत सुनी और तुरंत थाने में ही उसे काम देकर उसकी मदद शुरू की। इसके बाद पुलिस ने बेटी की शादी की पूरी जिम्मेदारी खुद उठा ली। शादी में कपड़े, बर्तन, गहने से लेकर हर जरूरी सामान पुलिस ने मुहैया कराया। थाने के स्टाफ ने मिलकर शादी को पूरे रीति-रिवाज और धूमधाम से संपन्न करवाया।
लाडो ने भावुक होकर कहा, “मैं तो सोच भी नहीं सकती थी कि मेरी बेटी की शादी बिना कर्ज के हो जाएगी। पुलिस ने जैसे फरिश्ते बनकर मदद की है, उसके लिए मैं जिंदगी भर आभारी रहूंगी।”
“ऐसे कामों से पुलिस और जनता के बीच विश्वास बनता है” – सीओ गंगोह
सीओ गंगोह शशि प्रकाश शर्मा ने लोकल 18 से बातचीत में बताया, “गंगोह पुलिस ने गरीब विधवा महिला की बेटी की शादी कराई है और हर जरूरी सामान दिया गया। हमारा प्रयास है कि ऐसे छोटे-छोटे प्रयासों से बड़ी राहत दी जा सके।”
जनता का दिल जीतने वाला काम
इस पूरे घटनाक्रम ने सोशल मीडिया से लेकर समाज में पुलिस की छवि को एक नया आयाम दिया है। जहां आमतौर पर पुलिस को कठोर और नियम-कानून के ढांचे में देखने की आदत होती है, वहीं गंगोह पुलिस का यह मानवीय चेहरा एक प्रेरणा बन गया है।