बिहार

बिहार चुनाव 2025: पशुपति कुमार पारस के बड़े दांव से बढ़ी राजद और जदयू की मुश्किलें

नई दिल्ली/पटना: बिहार की राजनीति में चुनावी हलचल तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने एक बड़ा ऐलान किया है, जिससे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की चिंता बढ़ सकती है।

चुनावी रणनीति में बड़ा बदलाव

पशुपति पारस ने संकेत दिए हैं कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में नई रणनीति के साथ मैदान में उतरेगी। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य प्रदेश में दलित, पिछड़े और आम जनता के अधिकारों की रक्षा करना है। इसके लिए पार्टी राज्य के सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।

 

राजद और जदयू के लिए मुश्किलें क्यों?

एलजेपी (रामविलास) के इस कदम से बिहार में मौजूदा महागठबंधन और जदयू की गणित बिगड़ सकती है। पशुपति पारस की पार्टी का बड़ा वोट बैंक दलित और पासवान समुदाय से आता है, जो बिहार में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। अगर यह वोट बैंक अलग हुआ तो राजद और जदयू को नुकसान हो सकता है।

भाजपा के साथ गठबंधन या अकेले लड़ाई?

हालांकि, पारस ने यह साफ नहीं किया कि वे भाजपा के साथ गठबंधन करेंगे या अकेले चुनाव लड़ेंगे। लेकिन उनके इस ऐलान से बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि अन्य दल इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।

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