स्मार्ट हो रहा आधार कार्ड, नहीं रहेगी बार-बार फोटोकॉपी कराने की जरूरत, पूरा कंट्रोल आपके हाथ में

अब आपका आधार कार्ड और भी स्मार्ट होने वाला है. जिस तरह आप मोबाइल से ऑनलाइन पेमेंट करते हैं, वैसे ही अब आधार की जानकारी भी क्यूआर कोड (QR Code) से शेयर की जा सकेगी. न फोटोकॉपी देने की जरूरत, न लंबी लाइन में लगने की टेंशन. UIDAI का नया ऐप आपके आधार को मोबाइल पर लाकर बहुत से सरकारी काम घर बैठे आसान बना देगा- जैसे पता, फोन नंबर या नाम बदलना. बच्चों के आधार अपडेट से लेकर प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन तक, अब सबकुछ डिजिटल और सुरक्षित होगा. इस नए सिस्टम से नकली दस्तावेज़ों का खेल भी खत्म होने वाला है.
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने इसके लिए एक नया ऐप तैयार किया है और फिलहाल लगभग एक लाख में से 2000 मशीनें इस नए टूल पर काम करना शुरू कर चुकी हैं. UIDAI का नया सिस्टम नवंबर तक लागू हो सकता है, जिससे आधार केंद्र पर जाकर जानकारी अपडेट करवाने की ज़रूरत खत्म हो जाएगी. इसके लिए जन्म प्रमाण पत्र, मैट्रिक सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, पैन कार्ड, राशन कार्ड और मनरेगा जैसे सरकारी डेटाबेस से जानकारी खुद ली जाएगी. इससे न केवल प्रोसेस आसान हो जाएगा, बल्कि नकली दस्तावेजों के जरिए आधार बनवाने की कोशिशों पर भी रोक लगेगी. इसके अलावा बिजली बिल के डेटाबेस से भी जानकारी लेने की बातचीत चल रही है, ताकि नागरिकों को और सुविधा मिल सके.
आपको मिलेगा आपके डेटा पर फुल कंट्रोल
UIDAI के CEO भुवनेश कुमार ने बताया कि यह नया ऐप लोगों को उनके डेटा पर पूरा कंट्रोल देता है. आधार की जानकारी मोबाइल से मोबाइल या ऐप से ऐप में QR कोड के जरिए भेजी जा सकेगी, लेकिन तभी जब व्यक्ति खुद इसकी अनुमति देगा. यह सुविधा होटल चेक-इन से लेकर ट्रेन में पहचान सत्यापन तक में काम आ सकती है. संपत्ति रजिस्ट्रेशन के समय भी इसे उपयोग किया जा सकेगा, जिससे फर्जीवाड़े को रोका जा सकेगा. UIDAI राज्य सरकारों को जागरूक कर रहा है कि प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के समय आधार से व्यक्ति की पहचान जरूर वेरिफाई की जाए.
बच्चों के लिए भी UIDAI ने एक खास अभियान शुरू करने की योजना बनाई है. बच्चों की बायोमेट्रिक जानकारी 5 से 7 साल की उम्र में और फिर 15 से 17 साल की उम्र में अपडेट करनी होती है, लेकिन इसमें करोड़ों बच्चों की जानकारी अभी तक अपडेट नहीं हुई है. UIDAI ने CBSE और अन्य बोर्डों से बातचीत शुरू की है ताकि यह काम तेजी से पूरा हो सके. लगभग 8 करोड़ बच्चों का पहला और 10 करोड़ का दूसरा अपडेट बाकी है, जिसे विशेष अभियान के तहत पूरा किया जाएगा.
इसके अलावा UIDAI सोशल वेलफेयर, इनोवेशन एंड नॉलेज (Social Welfare, Innovation and Knowledge – SWIK) अभियान के तहत सुरक्षा एजेंसियों, होटल, फूड डिलीवरी कंपनियों, कैब सेवाओं, CGHS और ESIC जैसे संस्थानों के साथ भी काम कर रहा है. इन जगहों पर आधार अनिवार्य नहीं है, लेकिन अगर यह सुविधा हो तो कैब ड्राइवर, डिलीवरी बॉय या ESIC अस्पतालों में उपस्थिति की पुष्टि भी आधार से की जा सकेगी, जिससे भरोसेमंद और सुरक्षित सिस्टम बनाया जा सके