बिहार

चीनी मिल चालू कराने के अमित शाह के बयान पर राजद का पलटवार..

बिहार दौरे पर आए केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने बंद चीनी मिलों को फिर से चालू कराने का वादा किया है इस वादे पर बिहार की मुख्य विपक्षी दल राजद के नेता ने पलटवार किया है.

राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गृह मंत्री जी शायद यह बात भूल रहे हैं कि बिहार में पिछले सत्रह वर्षों से उनकी पार्टी भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए की हीं सरकार है।

राजद प्रवक्ता गगन ने कहा कि गृहमंत्री जी ने आज कहा है कि बिहार में यदि उनकी सरकार बनी तो वे बंद सभी चीनी मिलों को चालू करवा देंगे। तो उन्हें बताना चाहिए कि पिछले सत्रह वर्षों में वह क्यों नहीं चालू हुआ। हर चुनाव के पहले भाजपा नेताओं को बंद पड़े चीनी मिलों की याद आ जाती है। 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान बेतिया में माननीय प्रधानमंत्री जी ने घोषणा की थी कि अगली बार जब मैं बेतिया आऊंगा तो बेतिया चीनी मिल के चीनी वाली चाय हीं पियूंगा। उसके बाद तीन-तीन चुनाव हो गये , प्रधानमंत्री जी हर चुनाव में बेतिया भी आए पर अभी तक चीनी मिल नहीं चालू हुआ। गृहमंत्री जी दूग्ध उत्पादन और मत्स्य उत्पादन के बारे में भी बोल रहे थे तो केन्द्र और राज्य में इतने लम्बे दिनों से एनडीए की सरकार रहने के बावजूद बिहार को दूध और मछली के लिए दूसरे राज्यों पर हीं निर्भर रहना पड़ता है।

राजद प्रवक्ता ने कहा कि ऐसे भी गृहमंत्री जी के बातों को बिहार के लोग गंभीरता से नहीं लेते हैं। चूंकि चुनाव के समय भाजपा नेताओं द्वारा की गई घोषणाओं को वे खुद जुमला बता चुके हैं। पिछले वर्ष जब वे दरभंगा आए थे तो उन्होंने अपने भाषण में केन्द्र सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा था कि पूर्णिया में हवाई अड्डा चालू हो गया है जबकि वहां एक ईंट भी नहीं गड़ा था। इसी प्रकार दरभंगा एम्स के बारे में कहा था कि बनकर तैयार हो गया है जबकि उस समय तक केन्द्र सरकार द्वारा स्थल की भी स्वीकृति नहीं दी गई थी।

राजद प्रवक्ता ने कहा कि एनडीए और भाजपा के नेताओं का काम योजनाओं का शिलान्यास और शुभारंभ के नाम पर केवल मीडिया की सुर्खियां बटोरना है, काम से मतलब नहीं है। ऐसी योजनाओं की एक लम्बी सूची है।

राजद प्रवक्ता ने कहा कि इससे बड़ा मजाक और क्या हो सकता है कि दस वर्षों से केन्द्र में और लगभग दो दशकों से बिहार के सत्ता पर काबिज भाजपा नेता विपक्षी नेताओं से कामों का हिसाब मांग रहा है। इसकी जानकारी तो उन्हें सरकारी दस्तावेजों से हीं मिल जाएगा। गृहमंत्री के मातहत हीं एनसीआरबी है उसी का आंकड़ा देख लें उन्हें सही जानकारी मिल जाएगी कि राजद के शासनकाल से एनडीए के शासनकाल में अपराधिक घटनाओं में दो सौ प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भ्रष्टाचार पर बोलने से पहले गृहमंत्री जी को 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा नीतीश जी पर लगाए गए भ्रष्टाचार और घोटालों की सूची भी देख लेनी चाहिए। ऐसे भी अभी दो दिन पहले ईडी द्वारा बिहार के बड़े पदाधिकारियों के ठिकानों से मिले करोड़ों रुपए नगद की जानकारी भी उन्हें मिल गई होगी।

राजद प्रवक्ता ने कहा कि दरअसल बिहार की जनता उनसे जानना चाहती है कि दस वर्षों में केन्द्र की सरकार ने बिहार को क्या दिया ।

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