लिवरपूल की जश्न भरी शाम मातम में बदली: कार ने फैंस को रौंदा, चश्मदीद बोले – “हम सिर्फ चीखें सुनते रह गए”

लिवरपूल, ब्रिटेन:
सोमवार की शाम लिवरपूल के फुटबॉल फैंस के लिए हमेशा याद रहने वाली थी, लेकिन वह खुशी अब एक डरावनी याद बन गई है। प्रीमियर लीग ट्रॉफी जीतने के बाद जब लिवरपूल फुटबॉल क्लब के समर्थक खुशी से झूम रहे थे, तभी एक कार ने उस जश्न को खून और चीखों में बदल दिया। सड़कों पर हज़ारों लोग थे—बच्चे, बुज़ुर्ग, परिवार, दोस्त। बारिश हो रही थी लेकिन फैंस के चेहरों पर मुस्कान थी। खिलाड़ी ओपन बस में ट्रॉफी के साथ सामने थे। तभी एक ग्रे रंग की कार अचानक भीड़ में घुस आई।
“सब कुछ जैसे थम गया हो”
नताशा रिनाल्डी, जो अपने दोस्तों के साथ खिड़की से परेड देख रही थीं, बताती हैं, “अचानक नीचे से बहुत तेज चीखें आईं। हम खिड़की की तरफ दौड़े, और देखा कि एक कार लोगों के ऊपर से गुजर रही थी। नीचे भगदड़ मच गई, लोग कार को रोकने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन सब कुछ बहुत जल्दी हुआ। हम बस खड़े थे और चीखें सुन रहे थे।”
10 फीट दूर से गुज़री मौत
सोलिहुल से आए हैरी राशिद ने कहा, “मैं अपनी पत्नी और दो छोटी बेटियों के साथ था। कार हमारे बिल्कुल करीब से निकली—सिर्फ 10 फीट दूर। तेज रफ्तार में आई, और लोगों को कुचलती चली गई। मेरी बेटियां डर से कांप रही थीं। एक पल में सब कुछ बदल गया।” राशिद बताते हैं, “ड्राइवर 10 सेकंड तक रुका, फिर एक बार फिर पूरी ताकत से कार दौड़ा दी। लोग हवा में उछले, कई जमीन पर गिर गए। सब कुछ खौफनाक था। मेरी छोटी बेटी चीखने लगी। हम उसके कान बंद करने लगे ताकि वो और कुछ न सुन सके।”
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया, लेकिन सवाल बाकी हैं
मर्सीसाइड पुलिस ने बताया कि एक 53 वर्षीय शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है। कार को तुरंत रोका गया, लेकिन अभी भी पुलिस यह नहीं बता सकी है कि ये हादसा था या जानबूझकर किया गया हमला। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सर कीर स्टारमर ने कहा, “ये वाकई चौंकाने वाली घटना है। मैं पुलिस और आपातकालीन सेवाओं को उनके तेज़ और साहसी काम के लिए धन्यवाद देता हूं। मैं लगातार स्थिति पर नजर रख रहा हूं।”
लिवरपूल फुटबॉल क्लब ने बयान में कहा, “हम मर्सीसाइड पुलिस के संपर्क में हैं और हमारे दिल उन सभी के साथ हैं जो इस घटना से प्रभावित हुए हैं।”
एक शहर की टूटी धड़कन
लिवरपूल, जो जश्न में डूबा हुआ था, अब गहरे सदमे में है। सोशल मीडिया पर लोग गुस्से में हैं—पुलिस की व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि ऐसी बड़ी परेड में सुरक्षा इतनी कमजोर कैसे हो सकती है?