अंतरराष्ट्रीय

रूस से भारत ने बंद की तेल खरीद… डोनाल्ड ट्रंप का एक और विस्फोटक दावा, क्या मच जाएगा बवाल?

अमेरिका और भारत के बीच ट्रेड डील से जुड़ी बातचीत चल रही है. लेकिन इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐसा दावा कर दिया है, जो बवाल बढ़ा सकता है. भारत के आंतरिक मामले में एक बार फिर उन्होंने अपने बड़बोलेपन से हस्तक्षेप किया है. डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा और उन्होंने इसे ‘एक अच्छा कदम’ करार दिया. हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह जानकारी उन्होंने ‘सुनी’ ही है और इसकी पुष्टि नहीं की गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर बैठकर आखिर डोनाल्ड ट्रंप एक सुनी हुई जानकारी से ऐसा बड़बोला बयान क्यों देते हैं?

उनके इस बयान की टाइमिंग बेहद खास है. इस बयान से एक दिन पहले ही अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा था कि रूस से भारत तेल खरीद रहा है, जो अमेरिका-भारत रिश्ते में निश्चित रूप से इरीटेशन यानी तल्खी का विषय है. डोनाल्ड ट्रंप वाइट हाउस से न्यू जर्सी स्थित अपने बेडमिंस्टर गोल्फ क्लब रवाना हो रहे थे जब उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए यह बयान दिया. उन्होंने कहा, ‘मुझे जानकारी मिली है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा. यह अच्छा कदम है. देखते हैं आगे क्या होता है.’ यह टिप्पणी ऐसे वक्त आई है जब ट्रंप ने भारत पर रूस से बड़े पैमाने पर सैन्य उपकरण और तेल खरीदने के चलते 25% का भारी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है.

भारत ने रूस से तेल खरीदना किया बंद?

ट्रंप के इस बयान से पहले न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारत में रूस से आने वाला तेल अचानक ठहर सा गया है. देश की चार सबसे बड़ी सरकारी तेल कंपनियों- IOC, BPCL, HPCL और MRPL- ने बीते एक हफ्ते से रूसी कच्चा तेल खरीदना लगभग बंद कर दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, जुलाई में रूसी तेल पर मिलने वाली छूट पहले के मुकाबले काफी कम हो गई है. ऐसे में भारत की सरकारी कंपनियां अब स्पॉट मार्केट यानी तत्काल खरीद-बिक्री वाले बाजार की ओर रुख कर रही हैं. यहां से वे अबू धाबी का मुरबान ग्रेड और पश्चिमी अफ्रीका से आने वाला कच्चा तेल खरीद रही हैं. 14 जुलाई को डोनाल्ड ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा कि अगर कोई देश तब तक रूस से तेल खरीदेगा जब तक वह यूक्रेन से युद्ध खत्म करने को लेकर बड़ा शांति समझौता नहीं करता, तो अमेरिका 100% टैरिफ यानी भारी टैक्स लगाएगा.

अमेरिका को भारत ने दिया जवाब

अमेरिका की ओर से लगातार रूसी तेल के नाम पर निशाना साधने पर भारत ने जवाब दिया. शुक्रवार शाम को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, ‘हम अपनी ऊर्जा जरूरतें बाजार में उपलब्ध विकल्पों और वैश्विक परिस्थितियों के मुताबिक पूरा करते हैं.’ रूस पर पश्चिमी देशों ने कई आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं. अमेरिका का मानना है कि जो देश रूस से तेल और गैस खरीद रहे हैं, वे परोक्ष रूप से व्लादिमीर पुतिन की यूक्रेन पर युद्ध को फंड कर रहे हैं. लेकिन भारत लगातार कहता आया है कि उसकी प्राथमिकता घरेलू ऊर्जा सुरक्षा है, न कि किसी का पक्ष लेना.

saamyikhans

former crime reporter DAINIK JAGRAN 2001 and Special Correspondent SWATANTRA BHARAT Gorakhpur. Chief Editor SAAMYIK HANS Hindi News Paper/news portal/

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