मणिपुर मे फिर एक बार भड़की हिंसा , प्रदर्शनकारियों की पुलिस से हुई झड़प

मणिपुर का विवाद आज एक बाद फिर सुर्खियों में आ गया है। दरअसल यहां एक बार फिर लोगों ने प्रदर्शन करना शुरु कर दिया है। इस दौरान मणिपुर के कई जिलों में हिंसा भड़क उठी। जिसके बाद प्रशासन अलर्ट हो गया और सख्ती के साथ बिष्णुपुर जिले में कर्फ्यू लगाया गया और पांच जिलों में इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई।
जानिए मणिपुर के किन-किन जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया
आपको बता दें कि मणिपुर में होने वाला विवाद कोई नया नहीं है। इससे पहले भी मणिपुर में हिंसा भड़की है, लोगों ने आपास मे ही पतथरबाजी करनी शुरु कर दी है। लेकिन हाल ही में हिंसा भड़कने के कारण कई जिलों में जैसे इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, थौबल, बिष्णुपुर और ककचिंग में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं को 5 दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं ये फैसला अरामबाई तेंगगोल नामक मैतैई समुदाय के नेता की गिरफ्तारी के बाद बने तनावपूर्ण हालात को देखते हुए लिया गया है।
जानिए क्या है मणिपुर में हिंसा का कारण
मणिपुर में बीते में कई सालों से होने वाली हिंसा सुर्खियों में है। लेकिन ये हिंसा किसी कानून व्यवस्था को लेकर नहीं, उग्रवाद को लेकर भी नहीं बल्कि राज्य के मैतेयी और आदिवासी समुदाय के हितों का टकराव है। जिससे राज्य के आठ जिलों में सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है। ताकि कोई ओर भी संवेजनशील स्थिति राज्य में पैदा न हो।
दोनों समुदायों के बीच भडकी हिंसा
राज्य के मैतेयी और आदिवासी समुदाय के बीच तनाव तो लंबे समय से चल रहा था। लेकिन हाल ही में इस तनाव ने एक और नया रुप ले लिया है। वहींल गैर-आदिवासी मैतेयी समुदाय की आबादी राज्य में करीब 53 फीसदी है। इन समुदायों की ओर से लंबे अरसे से अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग कर रहा है. मैतेयी समुदाय की दलील है कि अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिलने के बाद वे लोग राज्य के पर्वतीय इलाकों में जमीन खरीद सकेंगे। जिसको लेकर सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया न आने से लोगों की आपस में ही तनाव बढ़ गया है।