बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार का प्रभाव दशकों से बना हुआ है, लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि उनके बाद कौन सत्ता की कमान संभालेगा?

एनडीए में अगला चेहरा कौन?
नीतीश कुमार के नेतृत्व में जदयू और भाजपा का गठबंधन कई बार सत्ता में आया, लेकिन उनके जाने के बाद भाजपा और जदयू में से कौन अगला मुख्यमंत्री होगा, यह सवाल बना हुआ है। भाजपा के पास सुशील मोदी, नित्यानंद राय जैसे अनुभवी नेता हैं, जबकि जदयू में संजय झा, विजय चौधरी जैसे नाम उभर सकते हैं।
राजद की तैयारी
अगर महागठबंधन की बात करें, तो राजद के नेता तेजस्वी यादव सबसे मजबूत दावेदार नजर आते हैं। युवा नेताओं में उनकी पकड़ मजबूत हो रही है और उन्होंने विपक्षी दलों को एकजुट करने की भी कोशिश की है।
क्षेत्रीय दलों की भूमिका
चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) और उपेंद्र कुशवाहा जैसे नेता भी अपनी स्थिति मजबूत करने में लगे हैं। ये दल छोटी जातियों और युवा वोटरों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
जनता की पसंद होगी निर्णायक
बिहार की राजनीति जातिगत समीकरणों पर टिकी रहती है, लेकिन आने वाले समय में विकास और शिक्षा भी एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। 2025 के चुनावों में यह तय होगा कि नीतीश कुमार के बाद बिहार की जनता किसे अपना नेता चुनती है।