पटना में PM मोदी के करीबी दिवंगत नेता के घर में चोरी, जाँच में जुटी पुलिस ….

खबर बिहार की राजधानी पटना से है जहां राम मंदिर के ट्रस्टी रहे दिवंगत कामेश्वर चौपाल के घर में भीषण चोरी हो कर ली गयी है। बीते सात फरवरी को उनका निधन हो गया था। कामेश्वर चौपाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करीबी नेता रहे है.
कब और कैसे हुआ घटना ?
बता दें की बीते सात फरवरी को राम मंदिर के अयोध्या के ट्रस्टी रहे कामेश्वर चौपाल का निधन हो गया था पूरा परिवार गाँव गया था. घटना पर दिवंगत कामेश्वर चौपाल के बेटे विद्यानंद विवेक ने बताया कि पिताजी के श्राद्ध में पूरा परिवार गांव गया था। 15 फरवरी तक लोग घर में थे। उसके बाद से घर बिल्कुल खाली था। उन्होंने बताया कि आलमीरा तोड़कर सोने चांदी का सभी आभूषण ले गए। कुल मिलाकर तकरीबन 50 लाख की चोरी कर ली गयी है।
पुलिस की रात्रि गश्ती पर उठ रहे है सवाल
कामेश्वर चौपाल की बहू ने कहा की चोर शादी का पूरा जेवर चोर उठाकर लें गये. पुलिस से आश्वासन के बाद अभी तक कुछ नहीं मिला है. पुलिस जल्द से जल्द चोरी का सामान बरामद करें. हालांकि कामेश्वर चौपाल का घर बेउर थाने से चंद दुरी पर ही स्थित है ऐसे में पुलिस की रात्रि गश्ती पर भी कई सवाल उठ रहे है
चोर ने सम्मान में दिया हुआ मुकुट भी नही छोड़ा
बता दें की चोर कामेश्वर को सम्मान में दिया गया सोने का मुकुट भी उठा ले गए। अन्य उपहार भी बदमाशों ने नहीं छोड़ा है. फिलहाल घटना की पुलिस जाँच कर रही है घर के आसपास लगे CCTV कैमरा से फुटेज निकाला जा रहा है.
कौन है कामेश्वर चौपाल ?
बता दें की दिवंगत नेता कामेश्वर चौपाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करीबी नेताओं में से एक थे. पिछले माह 7 फरवरी को उनका निधन हो गया था. कामेश्वर चौपाल ने ही 9 नवंबर 1989 को राम मंदिर निर्माण के लिए हुए शिलान्यास कार्यक्रम में पहली ईंट रखी थी। तब देश के अलग-अलग हिस्सों से आए हजारों साधु-संतों और लाखों कारससेवक इसमें जुटे थे। उस वक्त वे विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त सचिव थे। राम मंदिर का ट्रस्टी भी बनाया गया।
2014 तक विधान पार्षद रहे कामेश्वर चौपाल
वर्ष 2002 में विधान पार्षद बनाए गए थे। वे 2014 तक विधान पार्षद रहे। वे बीजेपी के प्रदेश महामंत्री भी रह चुके हैं। लोकसभा का चुनाव भी वे लड़े लेकिन जीत नहीं मिली। रोटी के साथ राम का नारा देने वाले कामेश्वर चौपाल ने ही 9 नवंबर 1989 को राम मंदिर निर्माण के लिए हुए शिलान्यास कार्यक्रम में पहली ईंट रखी थी। उस समय वह पूरे देश में चर्चा के केंद्र में थे।