अंतरराष्ट्रीय

ट्रंप ने अपनाया ‘विस्फोटक’ टैरिफ़: चीनी आयात शुल्क 104% बढ़ा, ट्रेड वॉर के खतरे के बीच 6 बड़ी बातें जानें

अमेरिका ने घोषणा की है कि वह चीन पर 50% अधिक टैरिफ़ लगाएगा। इसके साथ ही चीन का टैरिफ़ 104% बढ़ा है। चीन पर 34% का टैरिफ़ बढ़ाकर 84% किया गया है, अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय व्हाइट हाउस ने जारी किया। चीन से अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले सामान पर 20% टैरिफ़ लगा हुआ है। इसका अर्थ है कि चीनी निर्यात पर कुल टैरिफ़ 104% बढ़ा। आज से यह नियम लागू हो गया है।चीन ने ट्रंप पर ‘धमकाने’ का आरोप लगाया है और अमेरिका पर लगाए गए प्रतिक्रियावादी टैरिफ़ को वापस लेने से इनकार कर दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने अब लगभग 60 देशों के खिलाफ टैरिफ़ लागू किया है।

ट्रंप ने अब फ़ार्मा कंपनियों पर भी जल्द ही ‘बड़ा टैरिफ़’ लगाने की घोषणा की है। उनका दावा था कि इस कदम से फ़ार्मा कंपनियों को अमेरिका में स्थानांतरित होना पड़ेगा। हालाँकि ट्रंप ने पिछले हफ्ते व्यापक टैरिफ़ की घोषणा की, जिसमें फ़ार्मा कंपनियों को छूट दी गई थी। लेकिन अब वे कहते हैं कि वह फ़ार्मा कंपनियों पर टैरिफ़ लगाएंगे ताकि दवा उत्पादन अमेरिका में भेजा जाए। फ़ार्मा सप्लाई चेन का अधिकांश भाग यूरोप, भारत और चीन में है। लेकिन यह सिर्फ चीन और अमेरिका का मामला नहीं है। दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच चल रहे ट्रेड वॉर ने विश्व अर्थव्यवस्था को अधिक जटिल बनाया है।

ट्रंप ने अब फ़ार्मा कंपनियों पर भी जल्द ही ‘बड़ा टैरिफ़’ लगाने की घोषणा की है। उनका दावा था कि इस कदम से फ़ार्मा कंपनियों को अमेरिका में स्थानांतरित होना पड़ेगा। हालाँकि ट्रंप ने पिछले हफ्ते व्यापक टैरिफ़ की घोषणा की, जिसमें फ़ार्मा कंपनियों को छूट दी गई थी। लेकिन अब वे कहते हैं कि वह फ़ार्मा कंपनियों पर टैरिफ़ लगाएंगे ताकि दवा उत्पादन अमेरिका में भेजा जाए। फ़ार्मा सप्लाई चेन का अधिकांश भाग यूरोप, भारत और चीन में है। लेकिन यह सिर्फ चीन और अमेरिका का मामला नहीं है। दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच चल रहे ट्रेड वॉर ने विश्व अर्थव्यवस्था को अधिक जटिल बनाया है।

हालाँकि ट्रंप ने पिछले हफ्ते व्यापक टैरिफ़ की घोषणा की, जिसमें फ़ार्मा कंपनियों को छूट दी गई थी। लेकिन अब वे कहते हैं कि वह फ़ार्मा कंपनियों पर टैरिफ़ लगाएंगे ताकि दवा उत्पादन अमेरिका में भेजा जाए। फ़ार्मा सप्लाई चेन का अधिकांश भाग यूरोप, भारत और चीन में है। लेकिन यह सिर्फ चीन और अमेरिका का मामला नहीं है। दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच चल रहे ट्रेड वॉर ने विश्व अर्थव्यवस्था को अधिक जटिल बनाया है।

व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि “यह क़दम इस तथ्य को ध्यान में रख कर उठाया गया है कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना ने घोषणा की है कि वह अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेगा।” ‘ ट्रंप ने चीनी उत्पादों पर 34% आयात शुल्क लगाने की घोषणा करने के बाद, चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर 34% टैरिफ़ लगाने की घोषणा की l

व्हाइट हाउस ने कहा कि सत्तर देशों ने अमेरिका से टैरिफ़ पर चर्चा की है। ट्रंप के आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट ने कहा कि बातचीत सकारात्मक रही है और एजेंडे में ‘बहुत सारी रियायतें’ हैं। ट्रंप किसी भी समझौते पर अंतिम निर्णय लेंगे। ट्रंप ने मंगलवार को वॉशिंगटन, डीसी में एक रिपब्लिकन डिनर कार्यक्रम में भाषण देते हुए टैरिफ़ को ‘महान’ कदम बताया। उन्होंने दावा किया कि टैरिफ़ लगाने से अमेरिका के खजाने में सिर्फ एक दिन में 2 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है।

उन्होंने दावा किया कि टैरिफ़ लगाने से अमेरिका के खजाने में सिर्फ एक दिन में 2 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है। “लोग और देश टैरिफ़ दे रहे हैं और डील को लेकर हम अन्य देशों से वार्ताएं कर रहे हैं,” उन्होंने कहा। जापान ने वार्ता की कोशिश की है। ने टैरिफ़ को ‘कुछ हद तक विस्फोटक’ बताया। ट्रंप ने कोयला खनिकों, कैबिनेट सदस्यों और उद्योग से जुड़े लोगों के सामने कहा, “टैरिफ़ लागू हो गए हैं और पैसों की चारों ओर से इतनी बरसात हो रही है, जितनी पहले कभी नहीं हुई थी।” ”

चीन सहित दुनिया भर में टैरिफ़ लागू होने में कुछ घंटे बचे हैं। व्हाइट हाउस ने कहा कि मंगलवार आधी रात से अमेरिका के स्थानीय समयानुसार चीन पर 104% टैरिफ़ लागू हो जाएगा। इसके अलावा, आधी रात से लगभग 60 देशों पर टैरिफ लागू होगा, जो ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका को ‘सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाले सबसे बुरे देश’ बताया है। अमेरिकी सरकार ने भी मई से चीन से आने वाले छोटे पार्सलों पर अधिक टैरिफ़ लगाया है। चीन की टेमू और शीन जैसी बड़ी कंपनियों को इससे बहुत नुकसान हो सकता है।

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