उत्तर प्रदेश में वृंदावन में स्थित बांके बिहारी कॉरिडोर परियोजना का मामला दिनो दिन तूल पकड़ता जा रहा है।

उत्तर प्रदेश में वृंदावन में स्थित बांके बिहारी कॉरिडोर परियोजना का मामला दिनो दिन तूल पकड़ता जा रहा है। इस दौारन सरकार की ओर से यह फैसला किया गया कि कोरिडोर बनने से मंदिर का विशाल रुप हो जाएगा। जिससे श्रद्धालु आासनी से अपने आराध्य ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन कर सकते है। जिसको लेकर लोगों ने इसका विरोध करते हुए प्रदर्शन किया है। साथ ही लोगों ने इसे न बनाने की बात कही है।
बांके बिहारी जी कॉरिडोर पर सरकार की नई पहल
आपको बता दें कि वृंदावन में बनने वाला श्री बांके बिहारी जी कॉरिडोर को लेकरा काम होने वाला है। जिसको लेकर सरकार ने पूरी रुप रेखा तैयार कर ली है। वहीं लोगों द्वारा इस परियोजना का विरोध किया जा रहा है। क्योंकि इस योजना के तहत 275 परिवारों को जगह खाली करनी पड़ेगी। जिसको लेकर जिला प्रशासन ने उनके रहने की पूरी व्यवस्था कर ली है। वहीं इस पर सरकार का कहना है कि विकास के काम में किसी भी परिवार को बेघर नहीं होने दिया जाएगा, बल्कि उन्हें पहले से बेहतर सुविधा वाला घर दिया जाएगा।
जानिए कहां पर लोगों को मिलेगा नया आवास
दरअसल आज के समय में बढ़ती महंगाई को देखते हुए अपना सपनों का घर नही ले पा रहे है। वही कहते है ना एक घर एक छत से ज्यादा एक सुरक्षित आशियाना माना जाता है। वहीं मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण ने रुक्मिणी विहार और सुनरख बांगर में जमीन तय की है, जहां उन परिवारों के लिए नए घर बनाए जाएंगे जिन्हें बांके बिहारी कॉरिडोर के कारण अपनी जगह छोड़नी पड़ेगी. जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि वहां 1 बीएचके और 2 बीएचके के करीब 325 से 350 फ्लैट बनाए जाएंगे. ये घर लोगों की ज़रूरत और मांग के हिसाब से दिए जाएंगे।
जिलाधिकारी ने दुकानों के बारें में की चर्चा
आपको बता दें कि इस परियोजना के तहत जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि बांके बिहारी कॉरिडोर के लिए जो जमीन ली जा रही है, उससे 275 मकान मालिकों पर असर पड़ेगा, जिनमें करीब 200 दुकानें भी शामिल हैं। इसके साथ ही उन्होने कहा कि अब दुकानदारों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उन्हें कॉरिडोर के अंदर ही नई दुकानें दी जाएंगी, ताकि उनका कामकाज न रुके.इसके अलावा, जिन लोगों की जमीन और मकान लिए जा रहे हैं, उन्हें सरकार की तरफ से पूरा मुआवजा भी दिया जाएगा. सभी प्रभावित परिवारों को एक ही इलाके में बसाने का विकल्प भी मिलेगा, जिससे वे अपने पुराने पड़ोसियों और समाज से जुड़े रह सकें।
बांके बिहारी कॉरिडोर परिजोयना से पहले योगी सरकार लोगो को कराएगी पुनर्वास
उत्तर प्रदेश में वृंदावन में स्थित बांके बिहारी कॉरिडोर परियोजना का मामला दिनो दिन तूल पकड़ता जा रहा है। इस दौारन सरकार की ओर से यह फैसला किया गया कि कोरिडोर बनने से मंदिर का विशाल रुप हो जाएगा। जिससे श्रद्धालु आासनी से अपने आराध्य ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन कर सकते है। जिसको लेकर लोगों ने इसका विरोध करते हुए प्रदर्शन किया है। साथ ही लोगों ने इसे न बनाने की बात कही है।
बांके बिहारी जी कॉरिडोर पर सरकार की नई पहल
आपको बता दें कि वृंदावन में बनने वाला श्री बांके बिहारी जी कॉरिडोर को लेकरा काम होने वाला है। जिसको लेकर सरकार ने पूरी रुप रेखा तैयार कर ली है। वहीं लोगों द्वारा इस परियोजना का विरोध किया जा रहा है। क्योंकि इस योजना के तहत 275 परिवारों को जगह खाली करनी पड़ेगी। जिसको लेकर जिला प्रशासन ने उनके रहने की पूरी व्यवस्था कर ली है। वहीं इस पर सरकार का कहना है कि विकास के काम में किसी भी परिवार को बेघर नहीं होने दिया जाएगा, बल्कि उन्हें पहले से बेहतर सुविधा वाला घर दिया जाएगा।
जानिए कहां पर लोगों को मिलेगा नया आवास
दरअसल आज के समय में बढ़ती महंगाई को देखते हुए अपना सपनों का घर नही ले पा रहे है। वही कहते है ना एक घर एक छत से ज्यादा एक सुरक्षित आशियाना माना जाता है। वहीं मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण ने रुक्मिणी विहार और सुनरख बांगर में जमीन तय की है, जहां उन परिवारों के लिए नए घर बनाए जाएंगे जिन्हें बांके बिहारी कॉरिडोर के कारण अपनी जगह छोड़नी पड़ेगी. जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि वहां 1 बीएचके और 2 बीएचके के करीब 325 से 350 फ्लैट बनाए जाएंगे. ये घर लोगों की ज़रूरत और मांग के हिसाब से दिए जाएंगे।
जिलाधिकारी ने दुकानों के बारें में की चर्चा
आपको बता दें कि इस परियोजना के तहत जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि बांके बिहारी कॉरिडोर के लिए जो जमीन ली जा रही है, उससे 275 मकान मालिकों पर असर पड़ेगा, जिनमें करीब 200 दुकानें भी शामिल हैं। इसके साथ ही उन्होने कहा कि अब दुकानदारों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उन्हें कॉरिडोर के अंदर ही नई दुकानें दी जाएंगी, ताकि उनका कामकाज न रुके.इसके अलावा, जिन लोगों की जमीन और मकान लिए जा रहे हैं, उन्हें सरकार की तरफ से पूरा मुआवजा भी दिया जाएगा. सभी प्रभावित परिवारों को एक ही इलाके में बसाने का विकल्प भी मिलेगा, जिससे वे अपने पुराने पड़ोसियों और समाज से जुड़े रह सकें।
बांके बिहारी कॉरिडोर परिजोयना से पहले योगी सरकार लोगो को कराएगी पुनर्वास
उत्तर प्रदेश में वृंदावन में स्थित बांके बिहारी कॉरिडोर परियोजना का मामला दिनो दिन तूल पकड़ता जा रहा है। इस दौारन सरकार की ओर से यह फैसला किया गया कि कोरिडोर बनने से मंदिर का विशाल रुप हो जाएगा। जिससे श्रद्धालु आासनी से अपने आराध्य ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन कर सकते है। जिसको लेकर लोगों ने इसका विरोध करते हुए प्रदर्शन किया है। साथ ही लोगों ने इसे न बनाने की बात कही है।
बांके बिहारी जी कॉरिडोर पर सरकार की नई पहल
आपको बता दें कि वृंदावन में बनने वाला श्री बांके बिहारी जी कॉरिडोर को लेकरा काम होने वाला है। जिसको लेकर सरकार ने पूरी रुप रेखा तैयार कर ली है। वहीं लोगों द्वारा इस परियोजना का विरोध किया जा रहा है। क्योंकि इस योजना के तहत 275 परिवारों को जगह खाली करनी पड़ेगी। जिसको लेकर जिला प्रशासन ने उनके रहने की पूरी व्यवस्था कर ली है। वहीं इस पर सरकार का कहना है कि विकास के काम में किसी भी परिवार को बेघर नहीं होने दिया जाएगा, बल्कि उन्हें पहले से बेहतर सुविधा वाला घर दिया जाएगा।
जानिए कहां पर लोगों को मिलेगा नया आवास
दरअसल आज के समय में बढ़ती महंगाई को देखते हुए अपना सपनों का घर नही ले पा रहे है। वही कहते है ना एक घर एक छत से ज्यादा एक सुरक्षित आशियाना माना जाता है। वहीं मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण ने रुक्मिणी विहार और सुनरख बांगर में जमीन तय की है, जहां उन परिवारों के लिए नए घर बनाए जाएंगे जिन्हें बांके बिहारी कॉरिडोर के कारण अपनी जगह छोड़नी पड़ेगी. जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि वहां 1 बीएचके और 2 बीएचके के करीब 325 से 350 फ्लैट बनाए जाएंगे. ये घर लोगों की ज़रूरत और मांग के हिसाब से दिए जाएंगे।
जिलाधिकारी ने दुकानों के बारें में की चर्चा
आपको बता दें कि इस परियोजना के तहत जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि बांके बिहारी कॉरिडोर के लिए जो जमीन ली जा रही है, उससे 275 मकान मालिकों पर असर पड़ेगा, जिनमें करीब 200 दुकानें भी शामिल हैं। इसके साथ ही उन्होने कहा कि अब दुकानदारों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उन्हें कॉरिडोर के अंदर ही नई दुकानें दी जाएंगी, ताकि उनका कामकाज न रुके.इसके अलावा, जिन लोगों की जमीन और मकान लिए जा रहे हैं, उन्हें सरकार की तरफ से पूरा मुआवजा भी दिया जाएगा. सभी प्रभावित परिवारों को एक ही इलाके में बसाने का विकल्प भी मिलेगा, जिससे वे अपने पुराने पड़ोसियों और समाज से जुड़े रह सकें।