अयोध्या की तपती गर्मी में रामलला की सेवा में ठंडक की छांव: लस्सी, आमरस और ठंडे स्नान से हो रही भगवान की सेवा

अयोध्या:
जहां एक ओर उत्तर भारत में लू और भीषण गर्मी से लोग बेहाल हैं, वहीं भगवान राम की नगरी अयोध्या भी इस मौसम की तपिश से अछूती नहीं है। सूर्यदेव मानो आग बरसा रहे हैं, और ऐसे में राम मंदिर परिसर में विराजमान रामलला की सेवा में भी विशेष गर्मी-रोधी इंतज़ाम किए गए हैं। राम मंदिर ट्रस्ट ने गर्मी को ध्यान में रखते हुए भगवान रामलला की ‘राग-भोग सेवा’ में बदलाव किए हैं। अब भगवान को रोज़ाना ठंडे जल से स्नान कराया जा रहा है ताकि प्रभु को ताजगी मिले और गर्मी से राहत महसूस हो। बालस्वरूप रामलला की देखभाल वैसे ही की जा रही है, जैसे घरों में पांच वर्षीय बालक की जाती है।
गर्मी में भगवान को अब मिल रहा है खास ‘बालभोग’
ट्रस्ट के अनुसार, रामलला को सुबह बालभोग में लस्सी और आमरस का भोग अर्पित किया जाता है। वहीं, दोपहर के राजभोग में हल्के, सुपाच्य और ठंडक देने वाले व्यंजन परोसे जा रहे हैं। पुजारियों का मानना है कि भगवान भी इस बदलते मौसम के प्रभाव से अछूते नहीं रहते और जैसे हम अपने घर के बच्चों की परवाह करते हैं, वैसे ही बालरूप रामलला की सेवा भी पूर्ण समर्पण से की जा रही है।
सेवा में सतर्कता और समर्पण
राम मंदिर के व्यवस्थापक गोपाल राव ने बताया कि “हर छोटी से छोटी बात का ध्यान रखा जा रहा है — चाहे वह ठंडे जल से स्नान हो, मौसमी फल हों या सुपाच्य आहार। रामलला को गर्मी का अहसास न हो, यही हमारी सेवा का उद्देश्य है।” पुजारियों और सेवा में लगे अन्य कार्यकर्ता नियमित रूप से व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं ताकि इस पवित्र बालस्वरूप की देखभाल में कोई कमी न रह जाए।
मानवता और श्रद्धा का अद्भुत संगम
रामलला की इस ग्रीष्मकालीन सेवा ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि श्रद्धा केवल पूजा तक सीमित नहीं, बल्कि सेवा, देखभाल और भावनात्मक जुड़ाव से भी जुड़ी होती है। अयोध्या की तपती हवाओं के बीच जब भक्तजन रामलला को आमरस और लस्सी का भोग लगते देखते हैं, तो उनके दिलों में भी भक्ति के साथ-साथ एक अपनापन जाग उठता है।