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फ्रांस में दिल दहला देने वाला हत्याकांड: लूट के लिए की हत्या, शव को सब्जियों के साथ पकाया

फ्रांस:

फ्रांस से एक बेहद दर्दनाक और सोचने पर मजबूर कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने न सिर्फ यूरोप बल्कि पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है। एक ऐसा व्यक्ति, जो कभी कसाई था और बाद में पिज़्ज़ा शेफ बना, उस पर एक बुज़ुर्ग शख्स की हत्या करने और उसके शरीर के टुकड़े कर सब्जियों के साथ पकाने का आरोप है, ताकि शरीर से निकलने वाली बदबू छुपाई जा सके।

यह घटना साल 2023 की है, लेकिन अब इसका मुकदमा 19 मई 2025 से रोडेज की अस्सीज कोर्ट में शुरू हुआ है, जो 22 मई तक चलेगा। इस मामले ने इंसानियत की सारी हदें पार कर दी हैं और पीड़ित परिवार के साथ-साथ आम लोगों के दिलों को भी गहरे सदमे में डाल दिया है।

दोस्ती की आड़ में मौत की साजिश

मृतक 63 वर्षीय जॉर्जेस मेचलर एकांतप्रिय व्यक्ति थे, जो दक्षिणी फ्रांस के एक सुदूर गांव में शांति से रहते थे। उन्होंने शायद ही कभी टेक्स्ट मैसेज का इस्तेमाल किया हो। जब उनकी बेटी को उनके नाम से एक संदिग्ध मैसेज मिला — जिसमें लिखा था कि वे किसी दोस्त के साथ ब्रिटनी जा रहे हैं — तो बेटी को कुछ गलत लगने लगा। जब कई दिनों तक कोई संपर्क नहीं हुआ, तो उन्होंने पुलिस को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। यहीं से खुलती है इस जघन्य अपराध की परतें।

एक मांसाहारी प्लान: पहले लूट, फिर हत्या, फिर ‘पकाना’

पुलिस की जांच में पता चला कि फिलिप श्नाइडर (69), जो पहले कसाई था और बाद में पिज़्ज़ा शेफ बना, अपने साथी नैथली काबूबासी (45) के साथ मिलकर मेचलर के घर में चोरी की नीयत से घुसा था। श्नाइडर ने पुलिस को बताया कि उन्होंने मेचलर को बांधा और उसका मुंह बंद कर दिया — जिससे दम घुटने से उसकी मौत हो गई। लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई। श्नाइडर ने न केवल शव को टुकड़ों में बांटा, बल्कि कुछ हिस्सों को जलाया और बाकी जंगलों में फेंक दिया। सबसे डरावनी बात ये रही कि उन्होंने शव के कुछ हिस्सों को सब्जियों के साथ पकाया ताकि शव की दुर्गंध छुपाई जा सके।

25 वर्षीय सह-अभियुक्त ने खोले राज़

इस हत्याकांड में एक और आरोपी लूप बेनराकिया (25) भी है, जिस पर सह-अपराधी के रूप में मुकदमा चल रहा है। उसने कोर्ट में गवाही दी कि श्नाइडर ने उसे मांस पकाने का निर्देश दिया और कहा कि अगर कोई पूछे तो उसे “कुत्ते का खाना” बताना। श्नाइडर के वकील ने कोर्ट में कहा कि उनके मुवक्किल ने पूरी जिम्मेदारी ली है और यह अपराध शराब, नशे और चंद हज़ार यूरो की चोरी की मूर्खतापूर्ण योजना का अंजाम था। लेकिन पीड़ित परिवार इस तर्क से संतुष्ट नहीं है। जॉर्जेस मेचलर की बेटी ने कहा, “मेरे पिता शांत, सरल और बेहद संवेदनशील व्यक्ति थे। उन्हें इस तरह की मौत देना किसी भी इंसान के साथ किया गया सबसे अमानवीय व्यवहार है।”

एक सवाल जो रह गया — इंसानियत आखिर कहां खो गई?

यह मामला केवल एक हत्या या चोरी की कहानी नहीं है — यह उस बर्बरता की झलक है जो लालच, नशे और संवेदनहीनता के मिलन से जन्म लेती है। रोडेज की अदालत इस हफ्ते फैसला सुनाएगी, लेकिन इस हत्याकांड ने समाज के सामने एक बड़ा सवाल छोड़ दिया है — जब इंसान ही इंसान का मांस पकाने लगे, तो सभ्यता का भविष्य क्या होगा?

saamyikhans

former crime reporter DAINIK JAGRAN 2001 and Special Correspondent SWATANTRA BHARAT Gorakhpur. Chief Editor SAAMYIK HANS Hindi News Paper/news portal/

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