बिहार

कटिहार के गुलफराज ने ‘मोदी’ को बनाया ब्रांड, 29 राज्यों में मिली पहचान; बोला- पीएम का नाम ही काफी है

इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ मखाना उद्योग की शुरुआत करने वाले गुलफराज़ ने आज विशेष मुकाम हासिल की है ‘मोदी मखाना’ नाम के ब्रांड के इस मखाना की मांग हर तरफ से हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान से प्रेरित होकर कटिहार जिले के एक युवक ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ अपने गांव में मखाना उद्योग की नींव रखी और अपने ब्रांड को नाम दिया — ‘मोदी मखाना’। आज यह मखाना ब्रांड न केवल देश के 29 राज्यों में पहुंच रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों की ओर भी कदम बढ़ा रहा है।

कटिहार के कोढ़ा प्रखंड के चरखी गांव निवासी गुलफराज़ ने वर्ष 2019 में इस उद्योग की शुरुआत की थी। उसी वर्ष लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कटिहार में एक जनसभा के दौरान मखाना की खेती और उसकी गुणवत्ता की प्रशंसा की थी। यही वह क्षण था जब गुलफराज़ के मन में यह विचार आया कि क्यों न अपने उत्पाद को प्रधानमंत्री मोदी के नाम से एक पहचान दी जाए।

गुलफराज़ ने बताया, “मैंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी, लेकिन नौकरी की जगह खुद का व्यवसाय शुरू करने की ठानी। शुरू में काफी मुश्किलें आईं, परिवार के लोगों ने भी नौकरी करने को कहा, लेकिन मैंने तय किया कि अगर प्रधानमंत्री मोदी स्टार्टअप और आत्मनिर्भर भारत की बात कर रहे हैं, तो मुझे भी कुछ अलग करना चाहिए।”

कटिहार क्षेत्र मखाना उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए गुलफराज़ ने ‘मोदी मखाना’ नाम से ब्रांड खड़ा किया। हालांकि मुस्लिम होते हुए ‘मोदी’ नाम से ब्रांड शुरू करने पर कई तरह की टिप्पणियां भी आईं, लेकिन गुलफराज़ ने किसी की परवाह किए बिना अपने काम को जारी रखा।

आज गुलफराज़ के मखाना उद्योग से करीब 18 लोग जुड़े हुए हैं। पहले जहां मखाना की कीमत 500 से 600 रुपये प्रति किलो थी, अब वही मखाना 1200 से 1500 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है। गुलफराज़ का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से मखाना उद्योग को बढ़ावा मिला है और आने वाले समय में इसकी संभावनाएं और बढ़ेंगी।वहीं, उनके साथ काम करने वाले मजदूर एजाज आलम ने बताया कि पहले वे मुंबई में मजदूरी करते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद घर लौट आए। अब उन्हें अपने गांव में ही स्थायी रोजगार मिल गया है।

‘मोदी मखाना’ न केवल गुलफराज़ की मेहनत की कहानी है, बल्कि यह आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ता एक ठोस कदम भी है। यह ब्रांड बिहार के ग्रामीण युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुका है.

saamyikhans

former crime reporter DAINIK JAGRAN 2001 and Special Correspondent SWATANTRA BHARAT Gorakhpur. Chief Editor SAAMYIK HANS Hindi News Paper/news portal/

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