Ghibli समझाया गया है: क्या है घिबली, सोशल मीडिया के नए रुझानों के बाद AI से कॉपीराइट के खतरे का कारण?

यह घिबली कला है? इसकी उत्पत्ति कहां हुई? चैटजीपीटी ने इसे वायरल ट्रेंड बनाया कैसे? इस सुविधा का इस्तेमाल कौन कर सकता है? अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके जापान के एक स्टूडियो की कला को बार-बार बनाना कानूनन कितना सुरक्षित है? घिबली शुरू करने वाले कलाकार इस पर क्या कहते हैं? और AI का इस कला में प्रवेश के बारे में क्या चर्चा है? जानते हैं..।
वर्तमान में हर प्रोफाइल पर सोशल मीडिया पर घिबली आर्ट दिख रहा है। X से लेकर इंस्टाग्राम और फेसबुक तक, लोग लगातार AI के माध्यम से अपनी और सेलिब्रिटीज की कार्टून तस्वीर देखते और इसका इस्तेमाल करते दिख रहे हैं। इन सबके अलावा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और उससे जुड़े जोखिमों पर भी बहस शुरू हो गई है। दरअसल, एआई ने अब घिबली कला को सेकंड्स या मिनट्स में बनाना शुरू कर दिया है, जो जापान में कॉमिक बुक्स और कार्टून शो के लिए दिनों से लेकर महीनों का समय लेता था।
यही कारण है कि आखिर यह घिबली कला है क्या? इसकी उत्पत्ति कहां हुई? चैटजीपीटी ने इसे वायरल ट्रेंड बनाया कैसे? इस सुविधा का इस्तेमाल कौन कर सकता है? अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके जापान के एक स्टूडियो की कला को बार-बार बनाना कानूनन कितना सुरक्षित है? घिबली शुरू करने वाले कलाकार इस पर क्या कहते हैं? और AI का इस कला में प्रवेश के बारे में क्या चर्चा है? जानते हैं..।
घिबली स्टाइल तस्वीरें इतनी लोकप्रिय क्यों हैं? घिबली चित्रों की खासियत यह है कि वे हाथ से बनाए गए हैं। हमेशा हल्के पेस्टल रंगों का इस्तेमाल किया जाता था और तड़क भड़क से दूर ही दिखाया जाता था। सादगी और शांति, घिबली कला के विश्लेषकों का कहना है, लोगों को अपनी ओर खींचती है। ऐसे में इस स्टूडियो ने कुछ ही वर्षों में करोड़ों लोगों को अपना प्रशंसक बना लिया है।
बीते मंगलवार को चैटजीपीटी ने अपना बिल्ट-इन इमेज जेनरेशन फीचर शुरू किया। OpenAI के GPT-4o टूल ने AI चैटबॉट में घिबली स्टाइल की तस्वीरें भेजने का फीचर जोड़ा है। नतीजतन, AI ने चित्र बनाना शुरू कर दिया जो जापानी एनिमेटर हयाओ मियाजाकी की कलाकृति की तरह लगते थे। इसके बाद बुधवार तक घिबली इमेज पूरी दुनिया में फैलने लगीं। यूजर्स के निर्देशों और चैटजीपीटी के आधार पर तस्वीरों को घिबली स्टाइल में बनाने की क्षमता ने इसे बाकी चैटबॉट से अलग कर दिया।
जबकि मेटा AI और एक्स का ग्रोक अभी भी घिबली स्टाइल तस्वीरों में मियाजाकी की तस्वीरों जैसे डिटेल्स नहीं ला पाया है, चैटजीपीटी का यह खास फीचर तुरंत वायरल हो रहा है।
यह देखा जा सकता है कि सोशल मीडिया में बॉलीवुड फिल्मों से लेकर सेलिब्रिटीज, लोगों की अपनी प्रोफाइल तस्वीरों, निजी यादों की तस्वीरों से लेकर खेल के दृश्यों तक सब कुछ घिबली के अंदाज में बदल चुका है, जिससे लोगों को घिबली आर्ट बहुत पसंद आया है। 2024 के पेरिस ओलंपिक से लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एलन मस्क तक, सबसे खराब प्रदर्शन आ चुके हैं।
सैम अल्टमैन ने एक पोस्ट में लिखा, “यह देखना बहुत मजेदार है कि लोग चैटजीपीटी की बनाई तस्वीरों को पसंद कर रहे हैं।” लेकिन हमारे जीपीयू काम नहीं कर रहे हैं। हम इसे और अधिक कुशल बनाने पर काम करते हुए कुछ दर सीमाएं अस्थायी रूप से लागू करने जा रहे हैं। मुझे आशा है कि इसमें बहुत समय नहीं लगेगा! चैटजीपीटी फ्री टियर जल्द ही दिन में तीन जनरेशन देगा। ” शनिवार-रविवार को चैटजीपीटी पर इतनी भीड़ जुड़ी कि प्लेटफॉर्म डाउन हो गया, इसलिए उनके इस पोस्ट को शायद ही कोई देखा होगा। बाद में ऑल्टमैन ने एक पोस्ट लिखा: “क्या आप सब प्लीज इमेज बनाने में कुछ कमी कर सकते हैं?” हमारी टीम सोना चाहती है!
ChatGPT अपने नवीनतम मॉडल GPT-4o का उपयोग करता है। इसी मॉडल ने घिबली इमेज जनरेशन को संभव बनाया है। इसका सबसे दिलचस्प पक्ष यह है कि यह Studio Ghibli की जानी-मानी कार्टून शैली को पूरी तरह से अनुकूलित कर सकता है। आप भी घिबली इमेज बना सकते हैं..।
जैसे-जैसे घिबली चित्र विश्व भर में फैल गए हैं। इसे लेकर बहस भी शुरू हुई है। AI की पहुंच सबसे बड़ा मुद्दा है। दरअसल, सोशल मीडिया पर बहस चल रही है कि AI कलाकारों के रचनात्मक काम को कैसे तुरंत कॉपी कर लेता है। वह भी इसके लिए उन्हें पर्याप्त धन और श्रेय नहीं देता।
इन्हीं बहसों ने चैटजीपीटी पर घिबली आर्ट बनाने को लेकर कॉपीराइट पर बहस शुरू की है। चैटजीपीटी ने खुद प्रीमियम सेवा का उपयोग नहीं करने वाले कई यूजर्स को बताया कि वह कॉपीराइट कानून के तहत एनिमेशन स्टूडियो की तरह की तस्वीरें नहीं बना सकता। इसके बावजूद, कुछ घंटों बाद चैटजीपीटी पर लोग फिर से घिबली तस्वीरें बनाने लगे।
कानून विशेषज्ञों का मानना है कि OpenAI के कार्य न तो कानूनी रूप से वैध हैं और न ही पूरी तरह से कानूनों का उल्लंघन हैं। बीच के ग्रे क्षेत्र में यानी घिबली इमेज बनाना आता है। अमेरिका की नील एंड मैक्डेविट लॉ फर्म के इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी मामलों के वकील इवान ब्राउन का कहना है कि घिबली कलाकृति कॉपीराइट कानून के तहत सुरक्षित नहीं है। सिर्फ इसके किरदार और कहानियां सुरक्षित हैं। ऐसी तस्वीरें बनाकर Yanni OpenAI कोई कानून नहीं तोड़ रहा है।
यद्यपि, ब्राउन ने स्पष्ट किया कि यह संभव है कि OpenAI ने अपने मॉडल को जापानी स्टूडियो की नवीनतम तस्वीरों से ही प्रशिक्षित किया हो। यानी उसके समान चित्र बनाने का आदेश। इससे एक सवाल उठता है: अगर आप सीधे तौर पर हमारा काम नहीं कॉपी कर सकते, तो उसके समान काम बनाना शुरू कर दो। उनका कहना था कि बहुत सी अदालतें अब इस बात पर विचार कर रही हैं कि क्या AI डेवलपर्स अपने मॉडल्स को प्रशिक्षित करने के लिए कॉपीराइट किए गए काम का उपयोग कर सकते हैं।
AI से घिबली तस्वीरें बनाने वाले आलोचकों ने X पर कुछ पुराने वीडियो पोस्ट किए हैं। इनमें घिबली आर्ट के संस्थापक ने एक बार AI जनरेटेड चित्रों को बहुत बुरा बताया था और इन्हें जीवन का अपमान बताया था। समाचारों के अनुसार, यह वीडियो 2016 का है, जिसमें वह AI की आलोचना करते हुए कहते हैं कि यह “जीवन का अपमान” (Insult to Life Itself) है और इस तरह की सामग्री में रुचि नहीं रखते हैं।
मैजाकी कहते हैं, “मैं इस तरह की चीजें देखकर रोमांचित नहीं हो सकता।” इसे बनाने वाले व्यक्ति दर्द को नहीं समझते। मैं इससे निराश हूँ और इस तकनीक को कभी भी अपनी कला में नहीं अपनाना चाहता। यह मेरे लिए जीवन का अपमान है। ” वह मानते हैं कि कला का असली सार तभी झलकता है जब लोग अपने दर्द, खुशी और दुःख को चित्रों और कहानियों में उतारते हैं। लेकिन AI आधारित एनीमेशन इतना गहरा नहीं है।