
नई दिल्ली:
हरियाणा सरकार के मंत्री अनिल विज की ओर से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली पर दिए गए बयानों को लेकर भाजपा ने सख्त रुख अपनाया है। पार्टी ने विज को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर जवाब देने को कहा है।
भाजपा ने बयानों को बताया अनुशासनहीनता
पार्टी अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली की ओर से जारी नोटिस में कहा गया कि अनिल विज ने मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ सार्वजनिक रूप से बयान दिए हैं, जो न सिर्फ पार्टी की विचारधारा के खिलाफ हैं, बल्कि ऐसे समय में आए हैं जब भाजपा पड़ोसी राज्य में चुनावी अभियान चला रही है। नोटिस में स्पष्ट किया गया कि इस तरह की बयानबाजी से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंच सकता है, इसलिए विज को तीन दिन के भीतर जवाब देना होगा।
बड़ौली को लेकर विज का बयान
अनिल विज ने 2 फरवरी को प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली पर तीखा हमला करते हुए कहा था कि उन पर दुष्कर्म के आरोप में मामला दर्ज है, ऐसे में उन्हें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। विज ने तंज कसते हुए कहा,
“जब पार्टी महिलाओं को 30 प्रतिशत तक बढ़ावा देने की बात कर रही है, तब धारा-376 का आरोपी प्रदेशाध्यक्ष नहीं रह सकता। भाजपा के कई बड़े नेताओं पर भी आरोप लगे थे, लेकिन उन्होंने त्यागपत्र दे दिया था। बड़ौली उनसे बड़े तो नहीं हैं, इसलिए उन्हें भी इस्तीफा देना चाहिए।”
मुख्यमंत्री सैनी पर भी साधा था निशाना
इसके अलावा, 31 जनवरी को अंबाला में विज ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को निशाने पर लेते हुए कहा था कि,
“चुनाव के दौरान मुझे हराने की साजिश रची गई थी, इसमें कौन-कौन शामिल था, मैंने सब कुछ लिखकर दिया। लेकिन 100 दिन बीत जाने के बाद भी न तो कोई पूछताछ हुई और न ही कोई कार्रवाई। मुझे शक है कि इस साजिश के पीछे कोई बड़ा नेता था। हमारे मुख्यमंत्री जब से पद पर आए हैं, सिर्फ हेलीकॉप्टर में घूम रहे हैं, उन्हें जमीन पर उतरकर जनता की समस्याओं को सुनना चाहिए।”
सियासी गलियारों में हलचल तेज
अनिल विज के इन बयानों के बाद हरियाणा की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है। उनके तीखे हमलों के चलते भाजपा के भीतर तनाव बढ़ता नजर आ रहा है। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि विज नोटिस का क्या जवाब देंगे और पार्टी उनके खिलाफ क्या कदम उठाएगी।