बिहार

नालंदा का यह अनोखा सरकारी स्कूल है, जहां जान जोखिम में डालकर छात्राएं सोलर प्लेट के नीचे बैठकर परीक्षा दे रहे हैं।

रिपोर्टर, मिथुन कुमार

डेस्क।बिहार

एंकर: बिहार सरकार का शिक्षा विभाग स्कूलों पर लाखों रुपए खर्च करने और बच्चों को तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा करती है लेकिन नालंदा में शिक्षा विभाग की लचर व्यवस्था की पोल उस समय खुल गई जब एक सरकारी स्कूल की तस्वीर सामने आई। नालंदा का यह अनोखा सरकारी स्कूल है, जहां जान जोखिम में डालकर छात्राएं सोलर प्लेट के नीचे बैठकर परीक्षा दे रहे हैं। दरअसल नालंदा के बालिका प्लस टू उच्च विद्यालय परवलपुर में 982 छात्राओं के लिए सिर्फ 4 कमरे है। मासिक परीक्षा के दौरान छात्राएं जान जोखिम में डालकर स्कूल की छत पर धूप से बचने के लिए सोलर प्लेट के नीचे बैठकर परीक्षा दे रहीं हैं। ऐसे में छात्राओं को परीक्षा का समय किन कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है। वह तस्वीर में साफ तौर पर देखा जा सकता है। माध्यमिक में 634 और प्लस टू में 348 छात्राएं नामांकित है स्थिति यह है कि छात्राओं को भेड़ बकरियों की तरह पढ़ना पड़ता है। स्कूल में बुनियादी सुविधाओं की कमी, बेंच, डेस्क, और शौचालय तक नहीं है। प्रधानाध्यापक जितेंद्र कुमार भास्कर ने विभाग को कमरे और शिक्षकों की कमी की जानकारी दी, लेकिन कोई पहल नहीं हुई।

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