सब सो रहे थे, भर गया था धुआं, 7 सिलेंडर भी थे… स्लीपर बस में 5 लोग कैसे जिंदा जले? जानिए चश्मदीदों की जुबानी

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बिहार से दिल्ली जा रही स्लीपर बस में आग लग जाने से पांच लोगों की मौत हो गई. मृतकों की पहचान सीतामढ़ी के गमबारा के साढ़े तीन साल के देवराज, उसकी 2 साल की बहन साक्षी और समस्तीपुर की 55 वर्षीय लख्खी देवी, 27 वर्षीय विवाहिता बेटी सोनी के रूप में हुई है. इसके अलावा एक मृतक बेगूसराय का रहने वाला है, जिसकी पहचान मधुसूदन के रूप में हुई है. घटनास्थल का मंजर देख, किसी का भी दिल दहल जाए. वहीं इस हादसा का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान ले लिया है.
*ड्राइवर-कंडक्टर हो गए फरार*
यह भीषण हादसा गुरुवार सुबह पांच बजे हुआ. जब आउटर रिंग रोड (किसान पथ) पर मोहनलालगंज के पास हुआ. उस वक्त ज्यादातर लोग सो रहे थे. बस में सवार अन्य यात्रियों ने बताया कि बस में अचानक धुआं भरने लगा. लोगों को कुछ समझ नहीं आया. कुछ ही मिनटों में आग की लपटें उठनी लगीं. बस के अंदर भगदड़ मच गई. बस ड्राइवर और कंडक्टर आग लगने के बाद बस छोड़कर भाग गए. यात्रियों ने यह भी बताया कि ड्राइवर की सीट के पास एक एक्स्ट्रा सीट लगी हुई थी, जिसके चलते लोगों को बाहर निकलने में परेशानी हो रही थी और लोग गिर रहे थे.
जब तक बुझी आग, तब तक हो चुकी थी खाक
वहीं बस में आग लगने की सूचना लोगों ने पुलिस और फायर ब्रिगेड को दी. जब तक दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचतीं तब तक बस पूरी तरह से जल गई थी. दमकल कर्मियों ने करीब 30 मिनट में आग बुझाई. वहीं जब दमकल कर्मी आग बुझने के बाद बस के अंदर घुसे तो देखा कि 5 शव पड़े हुए थे. पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि इमरजेंसी गेट नहीं खुलने के कारण लोग फंस गए थे. बस में पांच-पांच किलो के सात गैस सिलेंडर थे. हालांकि कोई भी सिलेंडर फटा नहीं.
*मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा*
फायर ब्रिगेड के अधिकारी ने बताया कि आग लगने का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है. लेकिन शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट की आशंका जताई जा रही है. घटना की सूचना मिलने के बाद स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे. मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थित बताई जा रही है.