ब्रिटेन का नया शरणार्थी प्लान: रिजेक्टेड शरणार्थियों की घर वापसी तय, भारत पर भी पड़ेगा असर

नई दिल्ली:
ब्रिटेन की नई सरकार ने शरणार्थी नीति में बड़ा बदलाव करते हुए साफ कर दिया है कि अब उन लोगों को देश में नहीं रहने दिया जाएगा, जिनके शरण के आवेदन खारिज हो चुके हैं। प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने घोषणा की है कि ऐसे प्रवासियों को “रिटर्न हब” में भेजा जाएगा — जो तीसरे देशों में बनाए जाएंगे — जहां से उन्हें उनके मूल देश वापस भेजा जाएगा।
यह कदम यूरोप में तेजी से बढ़ रहे अवैध प्रवासियों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है। ब्रिटेन की सरकार पहले से ही कई देशों के साथ बातचीत कर रही है ताकि इन “रिटर्न हब्स” की व्यवस्था हो सके। हालांकि, यह योजना अभी शुरुआती चरण में है और किन देशों के साथ बातचीत चल रही है, इसका खुलासा नहीं किया गया है।
भारत पर पड़ सकता है सीधा असर
भारत से हर साल बड़ी संख्या में लोग काम और बेहतर जिंदगी की तलाश में यूरोप की ओर रुख करते हैं। इनमें कुछ लोग कानूनी रास्तों से आते हैं, लेकिन कई अवैध तरीके अपनाकर ब्रिटेन पहुंचते हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में ब्रिटेन में छोटी नावों से आने वाले प्रवासियों की संख्या में 30% की बढ़ोतरी हुई है, जिनमें भारतीय नागरिक भी शामिल हैं। अगर ब्रिटेन यह “रिटर्न हब” योजना पूरी तरह लागू करता है, तो वहां रह रहे कई भारतीयों को भी अपने वतन लौटना पड़ सकता है। भारत और ब्रिटेन के बीच इस मुद्दे पर पहले से बातचीत जारी है।
“गलत तरीके से ठहरने की कोशिश नहीं करेंगे”
पीएम स्टारमर ने कहा कि इस नीति का मकसद है कि कोई भी अवैध रूप से ब्रिटेन में टिकने की कोशिश न करे, जैसे कि झूठे पारिवारिक दावे या नकली विवाह करके। हालांकि, माइग्रेशन पॉलिसी इंस्टीट्यूट की एक्सपर्ट मेगन बेंटन ने चेतावनी दी है कि इस तरह की योजना उन लोगों को भी प्रभावित कर सकती है जो वास्तव में शरण पाने के हकदार हैं।
यूरोप के अन्य देश भी बना रहे ऐसे प्लान
ब्रिटेन की तरह अन्य यूरोपीय देश जैसे नीदरलैंड्स और स्वीडन भी अवैध प्रवासियों को लेकर सख्त रुख अपना रहे हैं। इटली पहले ही अल्बानिया के साथ ऐसा समझौता कर चुका है, जहां शरणार्थियों को अस्थायी तौर पर भेजा गया है। हालांकि, अल्बानिया ने ब्रिटेन के साथ ऐसी किसी व्यवस्था से इनकार कर दिया है।