जनता के नाम तेजस्वी यादव का लेटर, लिखा- बिहारवासियों से बिहारी होने का सबूत मांगा जा रहा…SIR पर जमकर गरजे

बिहार के सियासी गलियारों में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का मुद्दा गरमाया हुआ है. विपक्ष वोटर लिस्ट ड्राफ्ट में धांधली का आरोप लगा रहा है. इसी बीच स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जनता के नाम खुला पत्र लिखा. उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स हेंडल पर लिखे इस पत्र में एसआईआर समेत अन्य मुद्दों को लेकर नीतीश कुमार सरकार पर जमकर निशाना साधा.
तेजस्वी यादव ने लिखा – “प्रिय बिहारवासियों
आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई. आज जब पूरा देश स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, तो ये विडंबना ही है कि बिहार अपने वोट के अधिकार की आजादी के लिए संघर्ष कर रहा है. स्वाधीनता का मतलब क्या यही है कि हम अपने-अपने घरों पर तिरंगा लहरा दें? तानाशाही हमारा गला घोंटती रहे और हम देशभक्ति के गीत गाकर झूमते रहें. हास्यास्पद स्थिति में आज बिहार के लोगों को इस सत्ता और उनके पिट्ठुओं ने लाकर खड़ा कर दिया है.
जो ज़िंदा हैं, उनका वोट काट दिया गया है. जो मर चुके हैं, उनका नाम वोटर लिस्ट में जोड़ दिया गया है. एक झटके में लाखों नाम हटा दिए गए, ज़िंदा इंसान मृत बना दिए गए. आज स्वाधीनता दिवस के अवसर पर ये सोचिएगा कि “जो इंसान बिहार की वोटर लिस्ट में मर चुका है, आज वो अपने घर पर तिरंगा फहराते हुए कैसा महसूस कर रहा होगा?” उसकी पीड़ा, उसके दर्द का हम और आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते. सत्ता में बैठे लोगों के दो-दो जगह वोट हैं, और एक ग़रीब को अपना एक वोट बनवाते हुए भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है. मतदाता सूची में नाम लिखवाने के लिए आधार कार्ड मान्य नहीं है, निवास प्रमाण पत्र मान्य है. निवास प्रमाण पत्र कैसे बनेगा? आधार कार्ड से …. पासपोर्ट मान्य है, आधार कार्ड मान्य नहीं है? पासपोर्ट कैसे बनेगा? आधार कार्ड से …..
बाढ़ में जिनके निवास बह चुके हैं, वो निवास प्रमाण पत्र नहीं दिखा पा रहे हैं और दूसरी तरफ़ कुत्ते-बिल्ली तक के निवास प्रमाण पत्र बना दिए जा रहे हैं. बिहारवासियों से बिहारी होने का सबूत मांगा जा रहा है, वहीं गुजरात के लोगों का बिहार की वोटर लिस्ट में नाम आ रहा है. इस स्वाधीनता दिवस हमें बिहार में लोकतंत्र की इस हालत पर गंभीर चिंतन की जरूरत है. हमें जरूरत है कमर कस लेने की. वरना ये लोकतंत्र के भाजपाई हत्यारे, बिहार के ग़रीबों, पिछड़ों, दलितों, शोषितों, वंचितों और मजदूरों के वोट को खा जाएँगे, उनके अधिकार को छीन लेंगे और फिर एक बार बिहार में तानाशाही के सामंती साम्राज्य की स्थापना करेंगे.
इसलिए सभी बिहारवासियों से आज स्वतंत्रता दिवस के दिन मैं तेजस्वी यादव ये अपील करता हूँ कि बिहार में लोकतंत्र, संविधान और स्वाधीनता को बचाएँ, घर से निकले आगे आएं. संविधान को नमन करें और शपथ लें कि मिलकर बिहार पर आए इस संकट का सामना करेंगे. 17 अगस्त से शुरू हो रही बिहार वोटर अधिकार यात्रा में हिस्सा लीजिए. अपना कर्तव्य निभाइए और बिहार को हर हाल में बचाइए. याद दिला दो अच्छे से इस तानाशाही विभाजनकारी को कि तुम एक इंच भी हिला ना सकोगे अटल अडिग बिहारी को!“
गौरतलब है कि, बिहार में चुनाव से पहले सियासी घमासान जारी है. एसआईआर में गड़बड़ी को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है. हालांकि चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अब तक किसी राजनैतिक दल ने आपत्ति दर्ज नहीं कराई है. इसके साथ ही विपक्ष बिहार में बढ़ते क्राइम को लेकर भी नीतीश सरकार पर निशाना साध रहा है.



