गोंडा

विद्यालय के बच्चों ने वेदम इंटरनेशनल स्कूल, गोंडा में इको-फ्रेंडली होली मनाने का संदेश दिया और वृंदावन के तर्ज पर फूलों की होली बनाई

*गोंडा 12 मार्च 2025*
होली के त्योहार पर वेदम इंटरनेशनल स्कूल गोंडा, के छात्रों ने पर्यावरण के अनुकूल होली मनाने का एक महत्वपूर्ण संदेश फैलाया। जिसमें रचनात्मक प्रस्तुतियों, और इंटरएक्टिव गतिविधियों के माध्यम से, छोटे विद्यार्थियों ने अपने साथियों और समुदाय के लोगों को रासायनिक रंगों से बचने और पानी की अधिक खपत न करने के लिए प्रेरित किया।

इस कार्यक्रम में बच्चों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए उन्होंने होली के महत्व और इसे पर्यावरण-सम्मत तरीके से मनाने की जरूरत को उजागर किया। विद्यार्थियों के एक समूह ने एक नाटक प्रस्तुत किया, जिसमें सिंथेटिक रंगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को दिखाया गया और लोगों से फूलों, हल्दी , गुलाल व अन्य प्राकृतिक सामग्रियों से बने रंगों का उपयोग करने की अपील की।

शिक्षकों और विद्यालय प्रबंधन ने इस पहल का समर्थन किया और त्योहारों को जिम्मेदारी से मनाने के महत्व को समझाया। “विद्यालय के प्रबंधक जयशंकर तिवारी” ने कहा, “होली खुशियों का त्योहार है और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे उत्सव प्रकृति को नुकसान न पहुँचाएँ। हमारे छात्रों ने इको-फ्रेंडली होली को बढ़ावा देने की एक सराहनीय पहल की है।” बच्चों ने राधा कृष्ण के बरसाने की होली का भी मंचन किया एवं फूलों की होली बनाने के लिए भी सभी लोगों को प्रेरित किया l

प्रस्तुतियों के अलावा, छात्रों ने पोस्टर बनाने की प्रतियोगिता में भी भाग लिया, जहाँ उन्होंने “पानी बचाएँ, सूखी होली मनाएँ” और “प्राकृतिक रंगों के संग, खुशियों की होली” जैसे रचनात्मक नारे लिखे। स्कूल में शिक्षिका दिव्यांशी ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से अन्य लोगों में जागरूकता लाने का काम किया l उन्होंने कम से कम पानी की खपत करने और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करने की शपथ ली।

अभिभावकों और समुदाय के लोगों ने इस जागरूकता अभियान की सराहना की। एक अभिभावक ने कहा, “बच्चों की यह पहल प्रेरणादायक है। उनका संदेश हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हम होली किस तरह मनाएँ।”

अपनी रंगीन लेकिन सार्थक मुहिम के माध्यम से, वेदम इंटरनेशनल स्कूल के छात्रों ने यह साबित कर दिया कि परंपराओं का आनंद लेते हुए भी पर्यावरण की रक्षा की जा सकती है। उनकी यह पहल हमें याद दिलाती है कि त्योहारों को मनाने के हमारे छोटे-छोटे बदलाव भी प्रकृति पर बड़ा सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
इस मौके पर बहुत सारे अभिभावक एवं शिक्षक गण मौजूद रहे जिसमें शिक्षाविद मीनाक्षी गुप्ता, योगशिक्षिका नीरू सिंह के साथ शिक्षिकाएं इफ़रा सैय्यद , संगीता ,लक्ष्मी, हर्षिता, नंदिनी, अनीता, पल्लवी, पुष्पा, ज्योति , किरन एवं विवेक तिवारी मौजूद रहे l

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