बारामुल्ला में ‘ऑपरेशन शील्ड’ मॉक ड्रिल: आपदा प्रतिक्रिया तंत्र को बनाया जा रहा और मजबूत

बारामुल्ला:
जिला प्रशासन बारामुल्ला ने आपदा प्रतिक्रिया तंत्र को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए शनिवार को एक बड़ी मॉक ड्रिल का आयोजन किया। यह अभ्यास इनडोर स्पोर्ट्स स्टेडियम, बारामुल्ला में ‘ऑपरेशन शील्ड’ के नाम से आयोजित किया गया, जिसमें राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन विभाग, आपातकालीन सेवाएं, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने मिलकर भाग लिया।
मॉक ड्रिल का उद्देश्य और तैयारी
इस अभ्यास से पहले, डीएसपी मुख्यालय बारामुल्ला और डीएसपी डीएआर ने सभी टीमों को ऑपरेशन के उद्देश्य, उनके कर्तव्यों और आवश्यक प्रोटोकॉल की विस्तार से जानकारी दी। इससे नकली आपदा के दौरान टीमों के बीच बेहतर समन्वय और स्पष्टता सुनिश्चित हुई। ड्रिल में एक उच्च-तीव्रता वाली आपदा स्थिति का चित्रण किया गया, जिसमें निकासी, बचाव, चिकित्सा सहायता, भीड़ नियंत्रण और रियल टाइम संचार जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया गया। सभी विभागों ने अपनी तत्परता और दक्षता का शानदार प्रदर्शन किया।
स्वयंसेवकों का योगदान
अभ्यास की निगरानी अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) सैयद अल्ताफ हुसैन मुसवी ने की। उन्होंने इस अभ्यास में शामिल अधिकारियों, कर्मचारियों, सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ और अन्य स्वयंसेवकों की कड़ी मेहनत और सहयोग की सराहना की। एडीसी ने कहा कि ऐसे अभ्यास नियमित रूप से कराना बेहद जरूरी है ताकि आपदा की वास्तविक स्थिति में टीमें पूरी तरह तैयार रहें।
कश्मीर और सीमावर्ती राज्यों में लगातार जारी मॉक ड्रिल
यह अभ्यास कश्मीर क्षेत्र के साथ-साथ भारत के कई सीमावर्ती राज्यों में हाल ही में आयोजित ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसी मॉक ड्रिल का हिस्सा है। इन अभियानों में जम्मू-कश्मीर पुलिस, एनसीसी, एसडीआरएफ, स्थानीय समुदाय और विभिन्न संस्थानों के छात्र भी सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।
युवा पीढ़ी में जागरूकता और आत्मनिर्भरता बढ़ाना
बांदीपुरा में आयोजित मॉक ड्रिल में शामिल एक छात्र ने कहा, “ये अभ्यास हमें युद्ध जैसी किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार करते हैं और हमें अपने आसपास के लोगों की मदद करने में सक्षम बनाते हैं।” एक अन्य छात्र ने बताया कि ये अभ्यास न केवल सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाते हैं, बल्कि सीमा पार हमलों का सामना करने की क्षमता भी विकसित करते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में और भी अधिक ऐसे अभ्यास आयोजित किए जाएं ताकि युवा पीढ़ी देश की सुरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हो सके।
रियासी में भी आपदा प्रतिक्रिया अभ्यास
रियासी जिले में भी युद्ध और आपदा के दौरान अपनाए जाने वाले कदमों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इसमें जिला प्रशासन, पुलिस, सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ और सामाजिक संस्थाओं ने मिलकर हिस्सा लिया और सामूहिक प्रयास से सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने का संकल्प लिया।