वकीलों की सुरक्षा पर सख्त निर्देश: अफसरों को चेतावनी

सरकार ने कानून की गरिमा और वकीलों की भूमिका को बनाए रखने के लिए बड़ा फैसला लिया है। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी वकील को उसके मुवक्किल से जुड़ी जांच के लिए तलब नहीं किया जा सकता। साथ ही यह भी कहा गया है कि वकील को दी गई कानूनी सलाह का खुलासा करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
इस दिशा में उठाया गया यह कदम कानूनी पेशे की स्वतंत्रता और मुवक्किल-वकील गोपनीयता के अधिकार की सुरक्षा की दिशा में बेहद अहम माना जा रहा है। उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी भी जांच या पूछताछ के दौरान इस मर्यादा का उल्लंघन न करें।
कानून के जानकारों का कहना है कि यह निर्णय संविधान द्वारा प्रदत्त न्याय तक पहुँच के अधिकार को मजबूत करता है। वकील और मुवक्किल के बीच संवाद की गोपनीयता कानूनी प्रणाली की बुनियाद होती है, और इसमें किसी तरह की दखल अनुचित है।
इस फैसले से वकीलों को राहत मिली है और उन्होंने सरकार की इस पहल का स्वागत किया है। अब यह देखना होगा कि जमीनी स्तर पर इन निर्देशों का कितना प्रभावी क्रियान्वयन होता है।